सोनीपत में वंदे भारत का कोच बनाने वाले कारखाने पर खर्च होंगे 590 करोड़, मिलेगा करीब 15 हजार लोगों को रोजगार
सोनीपत के रेल कोच कारखाना क्षेत्र के विकास में अहम रोल निभाने के साथ ही रेलवे विभाग के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होगा। इस कारखाने में फिलहाल प्रतिवर्ष 250 रेल डिब्बों का नवीनीकरण होगा जिसे बाद में बढ़ाकर एक हजार तक किया जाएगा।

सोनीपत, जागरण संवाददाता। गृह मंत्री ने गन्नौर के बड़ी स्थित रेल कोच नवीनीकरण कारखाना का उद्घाटन कर क्षेत्र को बड़ी सौगात दी है। यह कारखाना क्षेत्र के विकास में अहम रोल निभाने के साथ ही रेलवे विभाग के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होगा। इस कारखाने में फिलहाल प्रतिवर्ष 250 रेल डिब्बों का नवीनीकरण होगा, जिसे बाद में बढ़ाकर एक हजार तक किया जाएगा। यही नहीं, बाद में यहां से वंदे भारत जैसी ट्रेनों के डिब्बों का भी निर्माण होगा। रेल कोच फैक्ट्रियों में बहुत सारे सामान व पुर्जों की जरूरत होती है और ज्यादतार रेल फैक्ट्रियां इस तरह के पुर्जे व जरूरत के सामान दूसरी छोटी फैक्ट्रियों से खरीदती हैं। ऐसे में बड़ी में कारखाना शुरू होने के बाद इन जरूरतों को पूरा करने के लिए सैकड़ों की संख्या में छोटे उद्योग विकसित होंगे। इससे क्षेत्र के युवाओं को बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।
रेल डिब्बों को नहीं भेजना होगा दूर
बड़ी में स्थापित की रेल कोच नवीनीकरण कारखाना से उत्तरी क्षेत्र के सवारी रेलगाड़ी के डिब्बों की सज्जा, मरम्मत व उनके रखरखाव के लिए अब दूर के वर्कशाप में नहीं जाना होगा। कारखाना शुरू होने से पूर्व इस क्षेत्र के डिब्बों को मरम्मत व साज-सज्जा के लिए चेन्नई या कपूरथला भेजना पड़ता था। अब रेलवे काे इससे छुटकारा मिल जाएगा और इससे समय पर धन की बचत होगी। कारखाना के चीफ वर्कशाप मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि यहां अत्याधुनिक मशीनरी व संयंत्र लगाए गए हैं। यहां पर 12 साल से ज्यादा पुराने हो चुके रेल के आधुनिक एलएचबी कोच का नवीनीकरण किया जाएगा। नवीनीकरण के दौरान कोच की अंदरुनी साज-सज्जा के साथ ही शौचालय, यात्रियों के बैठने-सोने की सीट, एसी फिटिंग आदि को पूरी तरह से बदला जाता है। इससे एक तरह से कोच बिल्कुल नया हो जाएगा।
बड़े पैमाने पर होगा रोजगार का सृजन
रेल कोच फैक्ट्री में आइटीआइ से लेकर इंजीनियरिंग की डिग्री धारकों तक की जरूरत होगी। इससे मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स, आटो मोबाइल, कंप्यूटरीकृत पैनल आदि के इंजीनियर की आवश्यकता पड़ेगी। एक अनुमान के मुताबिक रेल कोच नवीनीकरण कारखाना आने से सीधे तौर पर करीब पांच हजार नई नौकरियां सृजित होंगी। इसके अलावा कल-पुर्जों की फैक्ट्री और अन्य उद्यम भी क्षेत्र में शुरू होंगे, जिससे लगभग 10 हजार से अधिक को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
कारखाने पर एक नजर
- बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में 161 एकड़ भूमि पर बना है कारखाना
- 590 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हुआ रेल कोच नवीनीकरण कारखाना
- पहले चरण में प्रति वर्ष 250 कोचों के नवीनीकरण की है क्षमता
- दूसरे चरण में नवीनीकरण की क्षमता बढ़कर एक हजार कोच प्रतिवर्ष की होगी
- अगले चरण में वंदे भारत ट्रेन के कोच में कारखाना में बनेंगे
- कारखाना में स्थापित की गईं हैं 90 से ज्यादा अत्याधुनिक मशीनें
- कारखाना परिसर में करीब 20 हजार पेड़-पौधे लगाए गए हैं
- आवासीय परिसर भी तैयार, 49 क्वार्टर बनाए गए
- सभी शेड की छतों पर एक मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगा है
- दिसंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कारखाने का वर्चुअल माध्यम से किया था शिलान्यास
मारुति के आने से 800 सहायक फैक्ट्रियों से होता है विस्तार
मारुति फैक्ट्री आती है तो 300 सहायक कंपनी व वेंडर आती हैं, लेकिन रेल कोच फैक्ट्री लगती है तो करीब 800 सहायक फैक्ट्रियां लगती हैं। इससे क्षेत्र का औद्योगिक विस्तार होगा।
अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री।
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