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    Sonipat: प्रदेश की जेलों में ड्राइक्लीन किए जाएंगे कैदियों के बिस्तर

    By Dharampal AryaEdited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
    Updated: Mon, 31 Oct 2022 06:35 PM (IST)

    Sonipat प्रदेश की जेलों में बंदियों-कैदियों को अब साफ बिस्तर मिल सकेंगे। जेलों में अब बिस्तरों की धुलाई ड्राइक्लीन मशीनों से की जाएगी। इससे मानकों के अनुसार बिस्तरों को हर महीने धोया जाना संभव हो सकेगा। सभी जेलों में ड्राइक्लीन मशीन लगवा दी गई हैं।

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    Sonipat: प्रदेश की जेलों में ड्राइक्लीन किए जाएंगे कैदियों के बिस्तर : जागरण

    सोनीपत, डीपी आर्य: प्रदेश की जेलों में बंदियों-कैदियों को अब साफ बिस्तर मिल सकेंगे। जेलों में अब बिस्तरों की धुलाई ड्राइक्लीन मशीनों से की जाएगी। इससे मानकों के अनुसार बिस्तरों को हर महीने धोया जाना संभव हो सकेगा। अभी तक बिस्तरों को मैनुअल तरीके से धोना पड़ता था, जिससे धोने और सुखाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब सभी जेलों में ड्राइक्लीन मशीन लगवा दी गई हैं। इसी सप्ताह मशीनों से धुलाई का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

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    यह है स्थिति

    प्रदेश की जेलों में कैदियों-बंदियों की संख्या क्षमता से बहुत ज्यादा है। ज्यादातर जेलों में डेढ़ गुना तक कैदी-बंदी रखे गए हैं। इनकी संख्या ज्यादा होने के साथ ही जेल में कार्य भी बढ़ जाते हैं, जबकि जेल के कर्मचारियों की संख्या मानक के अनुसार ही रखी गई है। ऐसे में जेलों में धोबियों की संख्या भी निर्धारित है। इनको कैदियों-बंदियों के बिस्तरों की धुलाई करने में परेशानी होती थी। बिस्तरों की धुलाई करने के साथ ही उनको सुखाने में भी समस्या होती थी। जेलों में मानकाें के अनुसार बिस्तरों की धुलाई हर महीने कर पाना संभव नहीं हो पाता था, जिससे कैदियों को गंदे बिस्तर का प्रयोग करना पड़ता था।

    होती थी पानी की बर्बादी

    मैनुअल तरीके से बिस्तरों की धुलाई करने से जेलों में पानी की बड़ी मात्रा में बर्बादी होती थी। बिस्तर के कपड़े मोटे और भारी होते हैं। उनको साफ करने में बहुत ज्यादा पानी चाहिए था। कपड़ों की धुलाई में हजारों लीटर पानी का प्रयोग करना पड़ता था, जिसके लिए घंटों तक नलकूप को चलाना पड़ता था। वहीं मैनुअल तरीके से धुलाई करने से बिस्तर अच्छी प्रकार से साफ भी नहीं हो पाते थे। वहीं कर्मचारियों को पूरे दिन बिस्तरों को धोने-सुखाने में लगे रहना पड़ता था।

    अब मिनटों में होगा घंटों का काम

    जेलों में बिस्तरों की धुलाई में लगने वाले घंटों के समय की अब बचत हो सकेगी। अब मामूली समय में बिस्तरों को साफ किया जा सकेगा। मशीनों से धुलाई करने में न तो अनावश्यक मेहनत करनी पड़ेगी और न ही पानी की ज्यादा जरूरत होगी। वहीं घंटों तक बिस्तरों को सुखाने की परेशानी भी नहीं रहेगी। अब बिस्तर पहले के मुकाबले ज्यादा साफ हो सकेंगे।

    सोनीपत सहित प्रदेश की जेलों में ड्राइक्लीन मशीन लगवा दी गई हैं। इनसे बिस्तर आसानी से साफ हो सकेंगे। इन मशीनों को स्थापित करा लिया गया है। अब जल्द ही यह कार्य करने लगेंगी। जेलों में सफाई व मूलभूत सुविधा के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण कदम है। -राजेंद्र सिंह, जेल अधीक्षक, सोनीपत कारागार