सोनीपत पुलिस ने फर्जीवाड़े का किया पर्दाफाश, जाली हस्ताक्षर कर गाड़ियां छुड़वाने वाले दो आरोपी दबोचे
सोनीपत के खरखौदा में पुलिस ने जाली हस्ताक्षर करके पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से गाड़ियां छुड़वाने के मामले में दो आरोपियों शमशेर और रवींद्र को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि उन्होंने अदालत में जाली दस्तावेज पेश किए थे। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने संजय और उसके बेटों के कहने पर ऐसा किया था।

संवाद सहयोगी, खरखौदा। पुलिस ने फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए जाली हस्ताक्षर कर पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार करवाकर गाड़ियां छुड़वाने के मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित शमशेर और रवींद्र दोनों गांव खांडा के रहने वाले हैं।
इस मामले की जांच उपनिरीक्षक हरिप्रकाश कर रहे थे। जांच में सामने आया कि थाना खरखौदा में वर्ष 2023 में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने अवैध शराब से भरी दो गाड़ियां जब्त की थीं। बाद में अदालत से सुपरदारी आदेश हासिल कर दोनों गाड़ियां छुड़वा ली गईं।
जांच में पता चला कि इन गाड़ियों को छुड़वाने के लिए अदालत में जाली पावर ऑफ अटॉर्नी पेश की गई थी। झज्जर निवासी महिला, जिनके नाम पर एक गाड़ी रजिस्टर्ड थी, ने पुलिस को लिखित में शिकायत दी। महिला ने कहा कि उसने गाड़ी खरीदी थी और बीमा भी करवाया था, लेकिन 2021 में दुर्घटना के बाद बीमा कंपनी ने इसे टोटल लास घोषित कर स्क्रैप में बेच दिया।
महिला ने स्पष्ट किया कि उसने किसी को भी गाड़ी की पावर आफ अटारनी नहीं दी और न ही किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने दोनों आरोपितों के शपथ पत्र भी हासिल किए। इनमें आरोपितों ने स्वीकार किया कि उन्होंने गांव के ही संजय और उसके बेटों अमन व रोहित के कहने पर फर्जी हस्ताक्षर किए थे। उनके बहकावे में आकर गाड़ियां छुड़वाकर उन्हीं को सौंप दी गईं।
पुलिस ने इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपित शमशेर और रवींद्र को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि इस प्रकरण में अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका भी खंगाली जा रही है।
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