सोनीपत में ठेका खत्म होने पर सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, नौकरी की सुरक्षा की मांग
सोनीपत नगर निगम में सफाई ठेका खत्म होने से कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया है। सफाई कर्मचारियों ने नौकरी की सुरक्षा की मांग करते हुए निगम कार्यालय पर धरना दिया। नई नौकरी सुरक्षा नीति के तहत कुछ ही कर्मचारी पात्र माने जा रहे हैं जिससे उनमें निराशा है। कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। नगर निगम में ठेकेदारों के माध्यम से लगे सफाई कर्मचारियों व अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सोनीपत नगर निगम में सफाई का ठेका खत्म होने के बाद सफाई कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।
सफाई कर्मचारियों ने सोमवार को नगर निगम कार्यालय परिसर में धरना दिया और नारेबाजी की। उन्होंने सफाई ठेका बढ़ाने और नौकरी की सुरक्षा की मांग की। मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
ठेका सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष मुकेश टांक ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई नौकरी सुरक्षा नीति लागू होने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। नीति के तहत केवल उन्हीं कर्मचारियों को पात्र माना गया है जो 15 अगस्त 2024 तक सेवा में हैं, जिनका मासिक वेतन 50 हजार रुपये या इससे कम है और जिन्होंने कम से कम पांच साल की सेवा पूरी कर ली है।
साथ ही, उन्होंने हर साल न्यूनतम 240 दिन काम करके वेतन प्राप्त किया है। इसके साथ ही एचकेआरएन के माध्यम से तैनात कर्मचारी भी इस परिभाषा में शामिल हैं। नगर निगम प्रशासनिक स्तर पर अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि ठेकेदारों के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों को पात्र संविदा कर्मचारी माना जाएगा या नहीं।
संविदा कर्मचारियों को स्थायीकरण का लाभ तभी मिलता है जब उन्हें निगम द्वारा नियमित या प्रत्यक्ष रूप से मान्यता दी जाती है। यही वजह है कि सफाई कर्मचारी और ठेकेदार आधारित कर्मचारी अब निगम से औपचारिक आदेश की मांग कर रहे हैं।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर जल्द ही स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तो वे अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था भी इन्हीं कर्मचारियों पर निर्भर है, इसलिए सरकार और निगम को इनकी सेवाओं को सुरक्षित बनाना चाहिए।
शहर में सफाई व्यवस्था प्रभावित
सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर बैठने से शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है। हालाँकि, हड़ताल का पहला दिन होने के कारण स्थिति ज्यादा खराब नहीं हुई है। अगर यह हड़ताल जारी रही तो आने वाले दिनों में सफाई व्यवस्था पर संकट आ सकता है।
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