NHAI ने हाईवे से हटाए सीमेंट के बैरिकेड्स, हादसों पर लगाम की उम्मीद
सोनीपत में एनएच-44 पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कुंडली से हल्दाना बॉर्डर तक लगे सीमेंट के बैरिकेड्स हटा दिए हैं। इनकी जगह प्लास्टिक के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। यह फैसला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों और लगातार मिल रही शिकायतों के बाद लिया गया। हाईवे पर सीमेंट के बैरिकेड्स जानलेवा साबित हो रहे थे जिसकी वजह से दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही थी।

विष्णु कुमार, सोनीपत। एनएच-44 पर लगातार हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बड़ा कदम उठाया है। कुंडली से हल्दाना बॉर्डर तक 37 किलोमीटर तक लगे सीमेंट के बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं और अब उनकी जगह प्लास्टिक के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। यह फैसला लंबे समय से मिल रही शिकायतों और जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों के बाद लिया गया।
हाईवे पर सीमेंट के बैरिकेड्स जानलेवा साबित हो रहे थे। कई बार वाहन चालक, खासकर रात के समय, इन्हें साफ नहीं देख पाते थे और तेज रफ्तार में इनसे टकराकर हादसों का शिकार हो जाते थे। उपायुक्त सुशील सारवान की सख्ती के बाद आखिरकार एनएचएआई ने इस दिशा में कदम उठाया और अब उम्मीद है कि इन बदलावों से हादसों में कमी आएगी।
जिले में सड़क हादसों की स्थिति चिंताजनक रही है। पुलिस और परिवहन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि जिले में होने वाली कुल दुर्घटनाओं और मौतों में से 50 फीसदी से ज्यादा एनएच-44 पर दर्ज की जाती हैं। भारी वाहनों की तेज रफ्तार, अव्यवस्थित बैरिकेड्स और बार-बार बदलते यातायात प्रबंधन के कारण यह मार्ग वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा था।
वर्ष 2024 में ही ज़िले में 354 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 319 लोगों की मृत्यु हुई। इनमें से आधे से ज़्यादा दुर्घटनाएँ इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सामने आईं। इस वर्ष भी ज़िले में लगभग 220 दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिनमें 258 लोगों की जान गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते यातायात प्रबंधन और सड़क ढाँचे में सुधार किया जाए, तो इन दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों ने भी इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से सीमेंट के बैरिकेड्स के कारण अनगिनत दुर्घटनाएँ हो रही हैं।
कई परिवारों ने अपने सगे-संबंधियों को खोया है। रात में राजमार्ग पर वाहन चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता था, क्योंकि बैरिकेड्स स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते थे। अब नए प्लास्टिक बैरिकेड्स से राहत मिलेगी और राजमार्ग पर यात्रा अपेक्षाकृत सुरक्षित होगी।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उठा था मुद्दा
जून में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त सुशील सारवान ने इस मुद्दे पर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सीमेंट के बैरिकेड्स हटाए जाएँ और उनकी जगह सुरक्षित विकल्प तलाशे जाएँ। जुलाई की बैठक में जब यह पाया गया कि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो उपायुक्त ने एनएचएआई को एक हफ़्ते का अल्टीमेटम दिया। दबाव के बाद, प्राधिकरण ने आखिरकार कार्रवाई करते हुए सीमेंट के बैरिकेड्स हटा दिए और प्लास्टिक के बैरिकेड्स लगा दिए। ये बैरिकेड्स न केवल हल्के हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर आसानी से हटाए और व्यवस्थित किए जा सकते हैं। साथ ही, इनमें रिफ़्लेक्टर (रिफ्लेक्टर) भी लगे हैं, जिससे रात में वाहन चालकों को दूर से ही इन्हें पहचानने में आसानी होगी।
कब और कितनी दुर्घटनाएं हुईं
वर्ष | दुर्घटनाएं | मृत्युएं |
---|---|---|
2021 | 374 | 537 |
2022 | 385 | 390 |
2023 | 379 | 349 |
2024 | 354 | 319 |
2025 | 220 | 258 |
सड़क सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीमेंट के बैरिकेड स्थायी ढाँचों की तरह होते थे और अगर कोई उनसे टकरा जाता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इसके विपरीत, प्लास्टिक के बैरिकेड अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित होते हैं। उपायुक्त के निर्देशों के बाद यह बदलाव किया गया है। अब दुर्घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी और NH-44 पर यात्रा करने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
-जगभूषण, परियोजना निदेशक, NHAI
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