हरियाणा के पहलवान दिल्ली में बनवा रहे फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, 125 सर्टिफिकेट की जांच के बाद 11 निलंबित
सोनीपत से खबर है कि हरियाणा के पहलवान दिल्ली में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नियमों का गलत फायदा उठा रहे हैं। भारतीय कुश्ती संघ ने 125 सर्टिफिकेट की जांच कराई जिसमें 11 फर्जी पाए गए। इन पहलवानों को निलंबित कर दिया गया है। जांच में पता चला कि सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा नरेला जोन में हो रहा है। 95 पहलवानों ने जन्म के 10 से 15 साल बाद सर्टिफिकेट बनवाए।

नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। हरियाणा के पहलवान दिल्ली में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के नियम का गलत फायदा उठाकर सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। पहलवानों की इस हरकत ने भारतीय कुश्ती संघ को चिंता में डाल दिया है। संघ ने 125 सर्टिफिकेट की दिल्ली नगर निगम से वेरिफिकेशन कराई। वेरिफिकेशन में पता चला कि पहलवान दिल्ली से खेलने, सर्टिफिकेट में आयु कम करवाने के लिए और फर्जी सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं।
वेरिफिकेशन में 11 पहलवानों के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, संघ ने इन्हें किसी भी प्रतियोगिता में खेलने से रोक लगाते हुए निलंबित कर दिया है। संघ को दिल्ली एमसीडी की वेरिफिकेशन में पता चला कि सबसे अधिक फर्जीवाड़ा नरेला जोन कार्यालय से करवाया जा रहा है। इसके साथ ही रोहिणी, नजफगढ़, सिटी जाेन और सिविल लाइन जोन से भी कई प्रमाणपत्र जारी करवाए गए हैं। खास बात यह है कि 95 पहलवानों ने जन्म के 10 से 15 साल बाद अपने प्रमाणपत्र बनवाए हैं। इनमें एसडीएम के आदेश साथ लगाए हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआइ) ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जमा करने के आरोप में 11 पहलवानों को निलंबित कर दिया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने ऐसे 125 सर्टिफिकेट का सत्यापन किया और संघ को भेजे पत्र में कहा कि उसकी ओर से कोई चूक नहीं हुई है क्योंकि 95 सर्टिफिकेट एसडीएम के आदेश पर बनाए गए हैं।
वेरिफिकेशन में पता चला कि भारतीय कुश्ती इस समय दो प्रमुख मुद्दों से जूझ रहा है, पहला अधिक उम्र के पहलवान कम आयु वर्ग में भाग ले रहे हैं और दूसरा कई पहलवान फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा कर दिल्ली से खेलने की कोशिश कर रहे हैं। 95 सर्टिफिकेट जन्म के 10 से 15 साल बाद जारी किए गए हैं। एमसीडी ने अपने जवाब में बताया कि 11 प्रमाणपत्र फर्जी, फोटोशाप के जरिए छेड़छाड़ कर एडिट किए गए हैं। ये एमसीडी ने जारी नहीं किए हैं।
इन पहलवानों ने किया फर्जीवाड़ा
पहलवान सक्षम, मनुज, कविता, अंशु, आरुष राणा, शुभम, गौतम, जगरूप धनखड़, नकुल, दुष्यंत और सिद्धार्थ बालियान के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें से छह सर्टिफिकेट नरेला जोन से, दो नजफगढ़ और रोहिणी, सिविल लाइन और सिटी जोन से एक-एक प्रमाणपत्र जारी हुआ दिखाया गया है। दो अन्य पहलवानों के सर्टिफिकेट में पहलवानों का डाटा एमडीसी में नहीं मिला।
यह है नियम
ऐसे लोग जिनका जन्म दिल्ली में और निगम से अधिकृत स्वास्थ्य केंद्र में नहीं हुआ है या घर पर हुआ है, साथ ही एक साल या उससे अधिक तक उन्होंने जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनवाया है, उन लोगों को एसडीएम के पास जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन में उसमें जन्म स्थान, आइडी प्रूफ, रिहायशी प्रूफ, माता पिता के पहचान पत्र की जानकारी देते हुए फार्म भरना होता है। इसमें
हलफनामा भी देना होता है कि जो जानकारी दे रहे हैं सत्य है, इसके आधार पर एसडीएम देरी से हुए जन्म पंजीकरण का आदेश एमसीडी को जारी करते हैं। इस आदेश के आधार पर आवेदनकर्ता को आनलाइन आवेदन करना होता है। इस आदेश के आधार पर निगम आनलाइन जन्म प्रमाणपत्र जारी करता है।
गड़बड़ी आशंका के चलते एमसीडी से 125 के करीब जन्म प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। इनमें से 11 फर्जी पाए गए। हमने इनमें से छह पहलवानों को सात अगस्त निलंबन नोटिस भेजा है। फर्जी प्रमाणपत्र सौंपने के लिए पांच अन्य पहलवानों को पहले ही निलंबित कर चुके हैं। - संजय सिंह, अध्यक्ष, भारतीय कुश्ती संघ
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