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    बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की कराई गई स्वास्थ्य जांच, पशुपालन विभाग ने किसानों को दी ये सलाह

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 10:43 PM (IST)

    यमुना में बाढ़ से प्रभावित मनौली टोंकी गांव में पशुपालन विभाग ने जांच शिविर लगाया। भूमिहीन किसानों के दुधारू पशुओं की जांच हुई और उन्हें मुफ्त दवाइयां दी गईं। उपायुक्त ने पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि पशुओं का स्वास्थ्य किसानों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है। किसानों को पशुओं की देखभाल के बारे में सलाह दी गई।

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    यमुना में बाढ़ से प्रभावित मनौली टोंकी गांव में पशुपालन विभाग ने जांच शिविर लगाया। फाइल फोटो

    संवाददाता, राई। यमुना के तटीय क्षेत्रों में आई बाढ़ से प्रभावित मनौली टोंकी गांव में पशुपालन विभाग ने जांच अभियान चलाया है। इसमें कई किसानों के दुधारू पशुओं की जांच की गई। गौरतलब है कि पूरी तरह भूमिहीन आबादी वाला यह गांव आजीविका के संकट से जूझ रहा है।

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    जिले के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उपायुक्त सुशील सारवान के निर्देश पर यह विशेष जांच अभियान चलाया गया है, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

    उपायुक्त का कहना है कि पशुओं का स्वास्थ्य किसानों की आजीविका से जुड़ा है और प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। उपमंडल अधिकारी (पशुपालन एवं डेयरी विभाग) डॉ. बलजीत दलाल के नेतृत्व में आयोजित इस पशु चिकित्सा शिविर में प्रत्येक पशु के स्वास्थ्य की जांच की गई।

    पशुओं को आवश्यक दवाइयां और कृमिनाशक दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई गईं। जिन पशुओं में बीमारी के लक्षण पाए गए, उनका मौके पर ही उचित उपचार भी किया गया।

    पशुपालन विभाग की टीम ने किसानों को बताया कि जलभराव के कारण पशुओं में चर्म रोग, खुरपका-मुँहपका, बुखार और आंतों में संक्रमण जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।किसानों को पशुओं की साफ-सफाई, समय पर टीकाकरण और चारे की सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई।