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    Sonipat Nagar Nigam election Result: कांग्रेसियों को हो गया था हार का अहसास, चुनाव ऑफिस और पार्टी भवन सुबह से रहा सूना

    मेयर उपचुनाव में मुख्य मुकाबला कमल बनाम कमल के बीच था।मतगणना के बाद भाजपा का कमल खिल उठा तो कांग्रेस का कमल मुरझा गया। भाजपा के राजीव जैन ने 57858 वोट लेते हुए कांग्रेस के कमल दिवान को 34749 वोटों से हराते हुए मेयर पद पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस पार्टी को इस हार का अहसास पहले ही हो गया था।

    By Deepak Gijwal Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 13 Mar 2025 12:07 PM (IST)
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    सुभाष चौक स्थित कांग्रेस भवन में खाली पड़ी कुर्सियां। फोटो- जागरण

    दीपक गिजवाल, सोनीपत। नगर निगम के उप चुनाव में कम वोटिंग देखकर कांग्रेसियों को पहले ही हार का आभास हो गया था। कांग्रेस प्रत्याशी का एटलस रोड स्थित कार्यालय और सुभाष चौक स्थित कांग्रेस भवन भी सूना पड़ा रहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में वो उत्साह देखने को नहीं मिला जो मतगणना लेकर होता है।

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    चुनाव कार्यालय पर जहां इक्का-दुक्का लोग ही दिखाई दिए, वहीं, कांग्रेस भवन पर सुबह 10-15 कार्यकर्ता जरूर पहुंचे थे, लेकिन 11 बजे कांग्रेस भवन खाली हो गया। चुनाव परिणाम पक्ष में न आता देख कार्यकर्ता घरों को लौट गए।

    जीत दर्ज करने के बाद राजीव जैन को कंधे पर उठाकर मतगणना केंद्र से बाहर लाते भाजपा के कार्यकर्ता। जागरण

    वहीं, मतगणना केंद्र पर पर भी गिने-चुने कांग्रेसी कार्यकर्ता ही नजर आए। हालांकि प्रत्याशी कमल दिवान अंत तक डटे रहे। वो राजीव जैन को जीत की बधाई देकर मतगणना केंद्र से वापस लौटे।

    कमल के परिवार का कांग्रेस से रहा पुराना नाता

    नगर निगम उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने दो बार विधायक रह चुके देवराज दिवान के बेटे कमल दिवान को अपना उम्मीदवार बनाया था। कमल दिवान के परिवार का कांग्रेस से पुराना नाता रहा है। इसी कारण एक बार फिर उन्हें टिकट दिया गया। हालांकि वो इस मौके को भुना नहीं पाए और भाजपा के राजीव जैन से बड़े अंतर से हार गए।

    चुनाव में जहां वोटरों की बेरुखी ने चौंकाया था। वहीं हार-जीत के अंतर ने भी चौंका दिया है। हालांकि शुुरुआत से ही चर्चा थी कि कम वोटिंग का कांग्रेस को नुकसान हुआ है। चुनाव में कमल दिवान नया चेहरा थे जबकि राजीव जैन की पत्नी कविता जैन कैबिनेट मंत्री रह चुकी थी।

    वहीं, राजीव भी शहर में 38 साल से सक्रिय हैं। अंदाजा लगाया जा रहा था कि उनके निजी वोट बैंक और भाजपा के कोर वोटरों ने खूब मतदान किया है जबकि नया चेहरा होने के चलते कांग्रेसी मतदाता वोट डालने नहीं निकले।

    संगठन न होने से बिखरी नजर आई कांग्रेस 

    कांग्रेस का संगठन न होने के चलते कांग्रेस शुरू से ही बिखरी नजर आई। लंबे समय से कांग्रेस में संगठन नहीं है। जिला प्रभारी से लेकर अन्य दूसरे पद खाली पड़े हैं। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आगे आकर जिम्मेदारी नहीं ली। कांग्रेसियों में बिखराव चुनाव के पहले दिन से ही नजर आया। कई बार भितरघात की बातें भी सामने आई।

    कांग्रेस की हार की वजह पर राजीव जैन ने कहा कि कांग्रेस ने गिनती से पहले ही भितरघात के आरोप लगाकर अपनी हार बता दी थी। कांग्रेस के प्रत्याशी का कोई सार्वजनिक जीवन नहीं रहा है। उनको शहर के गली-मोहल्लों तक का पता नहीं है।

    हार पर कमल दिवान बोले 

    भितरघात हुआ है। नेताओंं का साथ न मिलने की वजह से पार्टी पिछड़ी है। इस बारे में हाईकमान को अवगत कराया जाएगा। हार के अन्य कारणों की भी समीक्षा की जाएगी। जनता के बीच जाकर उनके हक की आवाज उठाते रहेंगे।

    भाजपा की जीत के कारण

    1. ट्रिपल इंजन की सरकार, विकास का वादा
    2. कांग्रेस के भितरघात का फायदा
    3. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का प्रचार न करना
    4. कई नेताओं द्वारा मन से चुनाव न लड़ना, चुनाव से कई दिग्गज नेताओं का अलग रहना
    5. भाजपा का मजबूत संगठन और बूथ लेवल पर मजबूती
    6. भाजपा के घोषणापत्र में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र का समान विकास का वादा
    7. प्रत्येक वर्ग को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र जारी करना

    कांग्रेस की हार के कारण

    • वर्ष 2000 के नगर निगम चुनाव का असर न होना
    • कांग्रेस का पंजाबी कार्ड विफल होना
    • भितरघात होना, कई नेताओं का भाजपा की मदद करना
    • दुकानदारों व अन्य वर्गों के लोगों का पूरी तरह से मदद न करना
    • ग्रामीण क्षेत्र में जाट बहुल मतदाताओं का उनके पक्ष में न आना
    • कई दिग्गज नेताओं की चुनाव से दूरी और मन से चुनाव में मदद न करना
    • कई बूथों पर बस्ते न होना, टेंट व कार्यकर्ता न होना