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    Sonipat: निगम को अवैध कनेक्शनों से करोड़ों का नुकसान, लोगों पर जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 04:00 PM (IST)

    सोनीपत नगर निगम को शहर में पानी और सीवर के अवैध कनेक्शनों से भारी नुकसान हो रहा है। जांच में पता चला है कि निगम इन अवैध कनेक्शनों को वैध करके करोड़ों रुपये कमा सकता है जिससे शहर की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। निगम ने अवैध कनेक्शनों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है और लोगों से कनेक्शन वैध कराने की अपील की है ताकि वे जुर्माने से बच सकें।

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    पानी और सीवर के अवैध कनेक्शनों से निगम को 101 करोड़ का घाटा।

    दीपक गिजवाल, सोनीपत। सोनीपत में नगर निगम को शहर में बड़े पैमाने पर हो रहे पानी और सीवर के अवैध कनेक्शनों से भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

    जागरण पड़ताल पड़ताल में सामने आया है कि यदि निगम सभी अवैध कनेक्शनों को वैध कर दे तो वह केवल कनेक्शन फीस से ही करीब 101.25 करोड़ कमा सकता है।

    इसके अलावा, बिलों से होने वाली नियमित आय से निगम की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी, जिससे पानी और सीवर जैसी बुनियादी सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा।

    शहर में सीवर-पानी के अवैध कनेक्शन कर खूब चपत लगाई जा रही है। दरअसल नगर निगम में कुल 1,35,757 भवन और प्रतिष्ठान है। जिसमें से महज 51 हजार मालिकों ने ही सीवर-पानी के कनेक्शन ले रखे है। जबकि 62 हजार खाली प्लाट है। यानी 84,757 भवन और प्रतिष्ठान के मालिकों ने पेयजल व सीवर के कनेक्शन नहीं लिए हैं।

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    ऐसे में माना जा रहा है कि बाकि भवन और प्रतिष्ठानों में सीवर और पेयजल कनेक्शन चोरी से किए गए है। ऐसा कर वे नगर निगम को आर्थिक चपत भी लगा रहे है।

    घाटे के साथ ही निगम की व्यवस्था भी बिगड़ रही

    अवैध पानी के कनेक्शनों के कारण न केवल निगम को आर्थिक घाटा हो रहा है। बल्कि वैध कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को भी पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। वहीं, सीवर के अवैध कनेक्शनों से गंदा पानी इधर-उधर फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।

    नगर निगम पश्चिमी जोन में ककरोई और गोहाना रोड पर बिछाई गई पेयजल लाइन पर कई अवैध कनेक्शन पाए गए हैं। साल 2022 में निगम ने 80 ऐसे कनेक्शनों को चिह्नित कर पांच-पांच का जुर्माना भी लगाया था, लेकिन लोगों ने फिर भी वैध कनेक्शन लेने में रुचि नहीं दिखाई।

    पहले जनस्वास्थ्य के पास थी जिम्मेदारी 

    नगर निगम को सौंपने से पहले शहर में पेयजल और सीवर की व्यवस्था जनस्वास्थ्य विभाग के पास थी। कोरोना महामारी से ठीक पहले यह जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई। इसके बाद, जब नगर निगम ने अपनी विभिन्न सेवाओं को प्रापर्टी आइडी से जोड़ना शुरू किया, तो यह पता चला कि कई प्रापर्टी आइडी यूनिटों के पास पेयजल या सीवर के कनेक्शन ही नहीं हैं। इसी कमी को दूर करने के लिए अब नगर निगम एक नया सर्वे कर रहा है।

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    अवैध कनेक्शन वालों पर कार्रवाई का प्रविधान है और ऐसा करते पाए जाने पर पांच का जुर्माना लगाया जाएगा। कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। लोगों से अपील है कि वे कार्रवाई से बचने के लिए जल्द से जल्द अपने कनेक्शन वैध करा लें। - देवेंद्र खासा, एसडीओ, नगर निगम