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    Sonipat Criminal: पंजाब के गैंगवार में फिर जुड़े सोनीपत के तार, जेल में डबल मर्डर में अंकित सेरसा नामजद

    By Deepak GijwalEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 05 Mar 2023 03:54 PM (IST)

    पंजाब के तरनतारन जेल में जग्गू भगवानपुरिया के दो गुर्गों की हत्या में सोनीपत के गांव सेरसा के रहने वाले अंकित सेरसा का नाम सामने आ रहा है। अंकित उर्फ छोटू ने 9 महीने में दूसरा कत्ल कर दिया। इस बार उसका नाम डबल मर्डर केस में जुड़ा है।

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    गंगवार की वजह से एक बार फिर सोनीपत सुर्खियों में है।

    सोनीपत, जागरण संवाददाता। गंगवार की वजह से एक बार फिर सोनीपत सुर्खियों में है। पंजाब के तरनतारन जेल में जग्गू भगवानपुरिया के दो गुर्गों की हत्या में सोनीपत के गांव सेरसा के रहने वाले अंकित सेरसा का नाम सामने आ रहा है। अंकित उर्फ छोटू ने 9 महीने में दूसरा कत्ल कर दिया। इस बार उसका नाम डबल मर्डर केस में जुड़ा है। उसने 19 साल की उम्र में उसने मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल किया।

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    अब जेल में कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गुर्गे मनदीप तूफान और मनमोहन मोहना को मार डाला। इसके बाद सोनीपत पुलिस फिर अंकित सेरसा के सारे कनेक्शन खंगालने में जुट गई है। इस केस में पुलिस ने अंकित सेरसा के साथ मनप्रीत भाऊ, सचिन भिवानी, राजिंदर जोकर, कशिश, अरशद खान और मलकीत कीता के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है।

    19 साल की उम्र में सिद्धू मूसेवाला की पहली हत्या

    अंकित सेरसा ने जिस समय सिके गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से संपर्क कर शामिल हो गया। इसके बाद उसने लगातार ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद उसने पहला मर्डर सिद्धू मूसेवाला का ही किया। इससे पहले केवल अंकित ने हथियार चलाने ही सीखे थे। इसके बाद सिद्धू मूसेवाला पर दोनों हाथों से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई।

    मोनू डागर के जरिए लारेंस गैंग तक पहुंचा था अंकित

    अंकित सेरसा सबसे पहले लारेंस गैंग के गुर्गे मोनू डागर के संपर्क में आया। इसके बाद मोनू डागर ने अंकित की मुलाकात अनमोल नामक व्यक्ति से करवाई। अनमोल के जरिए वह लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ गया। वहीं, अंकित के खिलाफ सिद्धू मूसेवाला मर्डर से पहले राजस्थान में भी हत्या के प्रयास के दो मामले भी दर्ज थे।

    चोरी से अपराध की दुनिया में रखा था कदम

    अंकित सेरसा का शुरूआत से ही पढ़ाई में ध्यान नहीं था। दसवीं कक्षा में फेल भी हो गया था। वह 6 बहन-भाईयों में सबसे छोटा है। स्वजनों ने उसे बुआ के पास बहादुरगढ़ भेज दिया। वहां लाकडाउन के दौरान अंकित की नौकरी चली गई थी। इसके बाद मोबाइल फोन की चोरी में उसका नाम आया था, तब वह नाबालिग था। यह उसका पहला अपराध था। करीब एक साल पहले ही इसके बाद अंकित के खिलाफ राजस्थान में हत्या के प्रयास के दो केस दर्ज हुए। सोनीपत में उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं था। हालांकि, इसके बाद वह अपराध के दलदल में फंसता चला गया और उसने लॉरेंस गैंग से जुड़कर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी।

    धमकी दी मूसेवाला को मारा, किसी को नहीं छोड़ेंगे

    सचिन भिवानी के साथ लारेंस के बाकी गुर्गे इकट्‌ठा हैं, जिसमें वह तूफान और मोहना को मारने का जश्न मना रहे हैं। अंकित सेरसा साथियों के साथ मिलकर धमकी दे रहा है कि उसने मूसेवाला को मारा है तो अब किसी को नहीं छोड़ेंगे। 6 दिन पहले गोइंदवाल जेल में लारेंस और जग्गू के गुर्गों में गैंगवार हुई थी, जिसमें मनदीप तूफान और मोहना की मौत हो गई, जबकि केशव गंभीर रूप से घायल हो गया था।