Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कांग्रेस ने सोनीपत में घोषित किए दो जिलाध्यक्ष, कमल दीवान को शहरी तो संजीव कुमार को मिली ग्रामीण की जिम्मेदारी

    कांग्रेस ने सोनीपत में संगठन को मजबूत करने के लिए शहरी क्षेत्र के लिए कमल दीवान और ग्रामीण क्षेत्र के लिए संजीव कुमार को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। दोनों नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं। कमल दीवान पूर्व में मेयर पद के उम्मीदवार रह चुके हैं जबकि संजीव कुमार पूर्व मंत्री हुकुम सिंह के पुत्र हैं।

    By sandeep kumar Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 14 Aug 2025 02:35 PM (IST)
    Hero Image
    संजीव दहिया, जिला अध्यक्ष, ग्रामीण। फोटो सौजन्य- जागरण

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। कांग्रेस ने जिले में संगठनात्मक मजबूती के लिए बड़ा बदलाव करते हुए शहरी क्षेत्र के जिला अध्यक्ष कमल दिवान को और ग्रामीण क्षेत्र के जिला अध्यक्ष संजीव कुमार को नियुक्त किया है। दोनों ही नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं तथा लंबे समय से पार्टी संगठन और जनसंपर्क में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवनियुक्त शहरी जिला अध्यक्ष कमल दिवान का राजनीतिक अनुभव व्यापक है। वे मेयर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके हैं और शहरी क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। व्यापारिक और सामाजिक संगठनों से जुड़ाव के चलते वे शहर में कांग्रेस का प्रभाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

    उनकी नियुक्ति से शहरी मतदाताओं में पार्टी के प्रति विश्वास और सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के नए जिला अध्यक्ष संजीव कुमार गांव रतनगढ़ के निवासी और पूर्व मंत्री हुकुम सिंह के पुत्र हैं। ग्रामीण राजनीति में गहरी पैठ और किसान वर्ग में प्रभाव के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।

    संजीव कुमार लंबे समय से कांग्रेस की विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय हैं और उन्होंने कई बार ग्रामीण मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद की है। उनके नेतृत्व में गांवों में कांग्रेस का नेटवर्क और मजबूत होगा।

    पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी होने के कारण दोनों नेताओं की नियुक्ति को जिले में आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग अध्यक्ष नियुक्त करने से संगठनात्मक कामकाज ज्यादा प्रभावी होगा और स्थानीय मुद्दों पर तेजी से काम किया जा सकेगा।