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    रिश्वत मामले में DC के पीए और दो कंप्यूटर ऑपरेटरों के खिलाफ चालान पेश, ये है पूरा मामला

    सोनीपत में उपायुक्त के निजी सहायक द्वारा पोस्टिंग के बदले रिश्वत लेने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। आरोपी शशांक शर्मा पर राई तहसील में तबादला कराने के लिए एक कर्मचारी से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। इस मामले में शशांक और दो कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई।

    By Deepak Gijwal Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 22 Aug 2025 05:32 PM (IST)
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    डीसी के पीए और दो कंप्यूटर आप के खिलाफ चालान पेश। जागरण

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। सोनीपत में उपायुक्त के निजी सहायक द्वारा पोस्टिंग देने के नाम पर रिश्वत के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अदालत में चालान पेश कर दिया है। आरोपित शशांक शर्मा पर राई तहसील में ट्रांसफर कराने के नाम पर एक कर्मचारी से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है।

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    इस मामले में एसीबी ने शशांक के साथ ही दो कंप्यूटर ऑपरेटरों अनूप सिंह और राजेश को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब तीनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया है। मामले में अब 26 अगस्त को सुनवाई होगी।

    उपायुक्त का निजी सहायक शशांक शर्मा उपायुक्त कार्यालय में तैनात लिपिक जितेंद्र कुमार को राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के पद पर ट्रांसफर कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। शशांक के पास से 3.5 लाख रुपये बरामद हुए हैं जो उसने रिश्वत के तौर पर वसूल किए थे। कर्मचारी को राई तहसील में ट्रांसफर कराने के एवज में शशांक शर्मा ने पांच लाख रुपये की मांग की थी। जितेंद्र कुमार डेढ़ लाख रुपये पहले दे चुके थे। शशांक साढ़े तीन लाख रुपये और मांग रहा था। जितेंद्र कुमार ने पूरी सूचना एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दी।

    इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शशांक को रंगे हाथ गिरफ्तार करने की रूप रेखा तैयार की। जिसके बाद 20 जून को बाकी के 3.50 लाख रुपये देने के लिए जितेंद्र शशांक के पास पहुंचे। जैसे ही शशांक ने रिश्वत की रकम हाथ में ली एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद मामले में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया गया था। जिससे एसीबी के साथ मिलकर मामले की जांच की।

    रिश्वत के इस मामले में उपायुक्त निजी सहायक शशांक शर्मा के साथ ही उपायुक्त कार्यालय में आपरेटर अनूप सिंह और एसडीएम कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर राजेश की भूमिका मिली थी। जिसके बाद मामले में एसीबी ने तीनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया है।

    76 लाख के लेनदेन के मिले थे साक्ष्य 

    निजी सहायक के बैंक अकाउंट से 76 लाख रुपये के संदिग्ध लेन-देन की बात सामने आई थी। उसके फोन की जांच में वर्ष 2022 से जून, 2025 तक कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिली है। आरोपित ने ये लेन-देन उपायुक्त कार्यालय में नियुक्त अन्य कर्मचारियों, डीआइटीएस आपरेटरों और एक चालक के जरिए किया था। मामले में एसीबी ने सभी आरोपितों को आमने-सामने बैठा कर भी पूछताछ की। जिसमें तीनों आरोपितों की भूमिका मिली।

    38 हजार वेतन, घर में मिला था 30 लाख का सोना

    महज 28 हजार रुपये वेतन से शुरुआत करने वाले शशांक के घर से 30 तोले सोने और चांदी के गहने बरामद हुए जिनकी कीमत 30 लाख रुपये से ऊपर आंकी जा रही है। हालांकि वर्तमान में शशांक का वेतन 38 हजार रुपये तक पहुंच चुका था। आरोपित पत्नी को भी महंगे गिफ्ट देता था। पत्नी ने जो ब्रेसलेट पहन रखा था, उसके बारे में भी सही तरीके से नहीं बता पाया। घर से मिले सोने-चांदी के गहनों के बिल प्रस्तुत नहीं कर पाया। वहीं, मां के नाम भी 25 लाख रुपये की एफडी मिली है।

    मामलों में मुख्य आरोपित शशांक की गिरफ्तारी के बाद साक्ष्य के आधार पर कंप्यूटर आरपरेट अनूप और राजेश को गिरफ्तार किया गया था। तीनों के खिलाफ ही चालान पेश कर दिया गया है। फिलहाल आरोपितों के बैंक खातों की गहनता से जांच की जा रही है। बाकी आरोपितों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - मनोज कुमार, जांच अधिकारी, एंटी करप्शन ब्यूरो, रोहतक