दिल्ली से करनाल के बीच रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार, जानिए कुंडली सहित कहां बनेंगे 13 स्टेशन?
Rapid Rail Project सोनीपत में दिल्ली-करनाल रैपिड रेल परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू होगा। कुंडली मेट्रो स्टेशन के पास रैपिड रेल का स्टेशन बनेगा जिसे एफओबी से जोड़ा जाएगा। परियोजना के लिए सोनीपत पानीपत और करनाल में कार्यालय बनाए जाएंगे। यह परियोजना पांच साल में पूरी होगी जिसमें 13 स्टेशन होंगे।

सतीश शर्मा, राई। दिल्ली से करनाल के बीच बहुप्रतीक्षित रैपिड रेल परियोजना का निर्माण कार्य जल्दी ही शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना के लिए नेशनल हाईवे पर सोनीपत, पानीपत और करनाल में कार्यालय बनाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है।
परियोजना का एलिवेटिड मार्ग नेशनल हाईवे-44 से यमुना की ओर बनाया जाएगा। वहीं, कुंडली में मेट्रो स्टेशन के पास ही रैपिड रेल का स्टेशन होगा।
दोनों स्टेशनों को जोड़ने के लिए नेशनल हाईवे के ऊपर फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। ऐसे ही आवश्यकतानुसार और स्थानों पर भी एफओबी का निर्माण नियमानुसार किया जा सकता है।
ड्रेन नंबर आठ के पास सुधीर ढाबे के पास बनाया जाएगा रैपिड रेल का पहला स्टेशन। जागरण
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के तहसीलदार जयवीर रंगा ने बताया कि नमो भारत कॉरिडोर हाई स्पीड रैपिड ट्रेन परियोजना दिल्ली के जंगपुरा से शुरू होगी।
वहां से सराय काले खां होते हुए कश्मीरी गेट आइएसबीटी और अलीपुर से होते हुए कुंडली तक पहुंचेगी। करनाल तक 129 किलोमीटर के मार्ग का अधिकांश हिस्सा एलिवेटिड होगा। पानीपत में मार्ग अंडरग्राउंड होगा।
पांच साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
जयवीर रंगा ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए कार्यालय बनाने में सरकारी भवनों को तरजीह दी जाएगी। परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। पांच वर्षों में पूरी की जाने वाली इस परियोजना के अगले वित्त वर्ष से पहले शुरू होने की संभावना है।
इन जगहों पर बनेंगे 13 स्टेशन
उन्होंने बताया कि इस परियोजना में करनाल तक 13 स्टेशन बनाए जाने है। इनमें सोनीपत में कुंडली, केएमपी के नजदीक, बहालगढ़, मुरथल चौक, गन्नौर समालखा, सिवाह बस स्टैंड के निकट, पानीपत में रेलवे स्टेशन से गोहाना की तरफ क्रॉसिंग के पास, सेक्टर-18 पानीपत, घरौंडा, मधुबन, करनाल के सेक्टर-7 में डीसी कार्यालय के पास और अंतिम स्टेशन करनाल के नए बस स्टैंड के पास बनाया जाएगा।
यह केंद्र सरकार की परियोजना है। इसके हरियाणा में निर्माण कार्य के लिए आने वाले खर्च का 45 प्रतिशत हिस्सा राज्य और बाकी 55 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी।
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