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    Sonipat Ram Barat: बैंड-बाजे की धुन पर निकली राम बारात, शहरवासी बने बाराती

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 01:52 PM (IST)

    सोनीपत के रामलीला मैदान में रामलीला कमेटी ने राम बारात और सीता स्वयंवर का मंचन किया। भगवान राम की पूजा के बाद बारात निकली जिससे पूरा मैदान उत्साह से गूंज उठा। जनकपुर के दरबार के दृश्यों और लक्ष्मण-परशुराम के संवाद ने दर्शकों को मोहित कर लिया। सीता राम विवाह के अवसर पर भजनों से वातावरण पवित्र हो गया। अध्यक्ष महेंद्र मंगला ने बताया कि राम बारात मुख्य आकर्षण रही।

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    सोनीपत के रामलीला मैदान में रामलीला कमेटी ने राम बारात और सीता स्वयंवर का मंचन किया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। कामी रोड स्थित रामलीला मैदान में रामलीला कमेटी की ओर से राम बारात और सीता स्वयंवर का सजीव मंचन किया गया। राम बारात से पहले सभी ने भगवान राम की पूजा-अर्चना की। श्रीराम की बारात रवाना होते ही पूरा मैदान उत्साह और उल्लास से गूंज उठा। सजे-धजे घोड़े, बैंड की मधुर ध्वनि और शहनाई ने कार्यक्रम की भव्यता में चार चांद लगा दिए।

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    जनकपुर के दरबार में मंगल गीतों और स्वागत के दृश्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया। मंच की सजावट, फूल मालाओं और रंग-बिरंगे परिधानों ने विवाह के दृश्य को जीवंत कर दिया। कलाकारों के दमदार अभिनय ने दर्शकों को ऐसा अहसास कराया मानो वे स्वयंवर के साक्षी बन रहे हों। खास तौर पर लक्ष्मण और परशुराम के संवाद ने तीखी नोंकझोंक और तर्क-वितर्क का ऐसा नजारा पेश किया कि पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा।

    सीता राम विवाह के पावन अवसर पर भजनों और शहनाई की मधुर ध्वनियों ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया। मृदंग की थाप पर गाए गए विवाह गीतों ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। दर्शकों ने देर रात तक धार्मिक माहौल का आनंद लिया।

    रामलीला मैदान की भव्य सजावट, रंग-बिरंगी रोशनी और ध्वनि प्रभाव ने मंचन को और भी मनोरम बना दिया। भक्त लगातार "जय श्री राम" के जयकारे लगाते रहे। मंचन के दौरान, पूरे परिसर में अनुशासन और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष महेंद्र मंगला ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी राम बारात का दृश्य आकर्षण का केंद्र रहा।

    सीता और राम के विवाह की रस्में पारंपरिक शैली में प्रस्तुत की गईं, जिसमें वरमाला, फेरे और आशीर्वाद की झलकियाँ सभी का मनमोहक रहीं। पंचायती मंदिर में श्री ठाकुर द्वारा सेहराबंदी की रस्म भी निभाई गई। भक्तों ने बड़ी श्रद्धा से भाग लिया और मंगल गीत गाए। देर रात सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

    सीता और राम विवाह का मंचन न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि समाज में मर्यादा, मूल्यों और आदर्श जीवन जीने का संदेश भी देता है। दरअसल, यह रामलीला मंचन महज़ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की अमूल्य धरोहर को संजोने का एक प्रयास है। यही कारण है कि हर साल यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और देर रात तक रामायण के प्रसंगों में डूबी रहती है।