Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    30 से ज्यादा किताबें लिखकर साहित्य साधना कर रहे पद्मश्री संतराम देशवाल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Wed, 28 May 2025 11:55 AM (IST)

    सोनीपत के साहित्यकार डॉ. संतराम देशवाल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। उन्होंने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। डॉ. देशवाल ने 30 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। हरियाणा में पहली बार किसी साहित्यकार को यह पुरस्कार मिला है जिससे प्रदेश में खुशी की लहर है।

    Hero Image
    दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री पुरस्कार लेते साहित्यकार डॉ. संतराम देशवाल। सौ. स्वयं

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। साहित्यकार एवं लेखक डॉ. संतराम देशवाल 30 से अधिक पुस्तकें लिखकर साहित्य साधना में जुटे हुए हैं। साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री के पुरस्कार से नवाजा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब तक हरियाणावासी खेल, कृषि क्षेत्रों में यह पुरस्कार पाते रहे हैं, लेकिन यह पहला अवसर है, जब प्रदेश के किसी साहित्यकार एवं लेखक को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। गुरुग्राम पावर ग्रिड में उप महाप्रंबधक के पद पर कार्यरत डॉ. संतराम देशवाल के बेटे ने अपनी पत्नी (विश्वविद्यालय में डिप्टी रजिस्ट्रार) के साथ मिलकर अपने पिता की ओर से पद्मश्री के लिए आवेदन किया था।

    रोजाना 15 किमी का सफर तय कर जाते थे स्कूल

    25 जनवरी को उनके नाम की घोषणा हुई तो उन्हें एकबारगी विश्वास ही नहीं हुआ। बाद में उनके बेटे से फोन कर उन्हें सारा किस्सा सुनाया तब जाकर विश्वास हुआ। झज्जर के गांव खेड़का गुज्जर में जन्मे डॉ. संतराम देशवाल ने छह साल की उम्र में पिता को खो दिया।

    रोजाना 15 किलोमीटर का सफर कभी पैदल तो कभी साइकिल पर पूरा करते हुए स्कूल शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक डिग्री हासिल करते चले गए। हिंदी व अंग्रेजी में एमए, एलएलबी, एमफिल, पीएचडी, अनुवाद में डिप्लोमा और जर्मन भाषा में डिप्लोमा किया है।

    राजकीय कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर रहीं पत्नी

    सोनीपत के छोटूराम आर्य कॉलेज में 30 वर्ष से अधिक समय तक एसोसिएट प्रोफेसर रहे डॉ. देशवाल 30 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं।

    उनकी धर्मपत्नी डॉ. राजकला देशवाल भी राजकीय कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर रही हैं। इससे पहले डॉ. देशवाल को महाकवि सूरदास आजीवन साधना सम्मान, लोक साहित्य शिरोमणि सम्मान और लोक कवि मेहर सिंह पुरस्कार समेत एक दर्जन से अधिक सम्मान मिल चुके हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner