खरखौदा के रामजीत राघव की मौत, 93 साल की उम्र में पिता बनकर पूरी दुनिया में बटोरी थी सुर्खियां
रामजीत राघव 5 अक्टूबर 2012 को वह दूसरी बार पिता बने थे। देश ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया के लोग राघव का साक्षात्कार लेने खरखौदा पहुंचे थे।
खरखौदा [हरीश भौरिया]। वर्ष 2009 में 93 वर्ष की उम्र में पहली बार और वर्ष 2012 में दूसरी बार पिता बनकर दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाले खरखौदा निवासी 104 वर्षीय रामजीत राघव का निधन हो गया। घर में ही बिस्तर में आग लगने से बुरी तरह झुलसने के चलते मंगलवार रात इलाज के दौरान पीजीआइ, रोहतक में उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बैंक खाते से उनके पिता का नाम पता किया और जरूरी कागजात जुटाए, अब बृहस्पतिवार को उनका पोस्टमार्टम होगा।
खरखौदा निवासी 104 वर्षीय रामजीत राघव एक बाग में काम करते थे। उनकी पत्नी शकुंतला मानसिक रूप से दिव्यांग थीं। रामजीत 93 वर्ष की उम्र में 2009 में पहली बार बेटे विक्रमजीत के पिता बने। इसके बाद 5 अक्टूबर, 2012 को वे दूसरे बेटे के पिता बने। इस पर विश्वभर की मीडिया में उनकी खूब चर्चा हुई थी।
लापता हो गए बच्चे व पत्नी
रामजीत का बड़ा बेटा विक्रमजीत अचानक लापता हो गया। वह बेटे को खोज रहे थे कि अक्टूबर 2013 में उनका दूसरा बेटा भी संदिग्ध हालात में लापता हो गया। इसके कुछ दिन बाद पत्नी शकुंतला भी लापता हो गईं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। इसके बाद से ही वे अपने घर में अकेले रहते थे।
बीड़ी से आग लगने का अंदेशा
रामजीत को अब दिखाई बहुत कम देता था। आसपास के लोग ही उन्हें खाना-पीना देते थे। मंगलवार शाम को वह अपने घर में चारपाई पर लेटे थे, इसी दौरान जब पड़ोस के लोगों ने कमरे में से धुआं उठता देखा तो वे कमरे की तरफ भागे। पूरा कमरा धुएं से भरा था, लोगों ने उन्हें बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। रात को पीजीआइ, रोहतक में उनकी मौत हो गई। उनके पड़ोसी दिव्यांग रामफल का कहना है रामजीत बीड़ी पीते थे। हो सकता है कि बीड़ी जलाने के दौरान माचीस की तीली बिस्तर पर गिर गई हो।
देशी और विदेशी मीडिया में हुई थी चर्चा
5 अक्टूबर 2012 को वह दूसरी बार पिता बने थे। देश ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया के लोग रामजीत राघव का साक्षात्कार लेने खरखौदा पहुंचे थे। यहां तक की पेटा ने रामजीत राघव के शाकाहारी होने के चलते उन्हें अपनी पत्रिका में जगह दी थी। अमेरिका की बोनिता स्प्रिंग हिस्टोरिकल सोसाइटी ने रामजीत को उस दौरान 10 डॉलर बतौर सहायता भेजे थे।
पुलिस ने कहा
पिता के नाम का पता नहीं चल पाने के कारण शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। अब बैंक से रिकार्ड लिया गया है। बृहस्पतिवार को पीजीआइ, रोहतक में ही शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
जसबीर सिंह, थाना प्रभारी, खरखौदा।
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