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    Haryana News: कौन है साल्वर सरगना रोबिन, जिसने 3000 से ज्यादा युवाओं की फर्जी तरीके से लगवाई है नौकरी

    By Jagran NewsEdited By: Umesh Kumar
    Updated: Tue, 18 Oct 2022 11:22 AM (IST)

    मामले का पर्दाफाश होने पर फरारी के दौरान भी उसने एक हजार युवाओं का पेपर साल्व कराकर नौकरी लगवा दी थी। साल्वर गैंग के सरगना रोबिन को एसटीएफ सोनीपत की टीम ने 15 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया था।

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    साल्वर सरगना रोबिन ने 3 हजार युवाओं को दिलाई नौकरी। फाइल फोटो।

    सोनीपत, जागरण संवाददाता। पेपर साल्वर गैंग के सरगना रोबिन ने खुद जिस प्रक्रिया से नौकरी पाई, उसको ही अपनी कमाई का माध्यम बना लिया था। वह 2009 में साल्वर गैंग के संपर्क में आया था। गैंग ने दिल्ली पुलिस का परीक्षा-पत्र हल कराकर रोबिन को भर्ती कराया था। उसने 2013 से खुद का साल्वर गैंग बना लिया और इससे मोटी कमाई करने लगा। पेपर साल्व कराकर परीक्षा पास कराने के लिए उसने 200 सदस्यों का अपना गैंग बना लिया था। वह तीन हजार से ज्यादा युवाओं की नौकरी लगवा चुका था।

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    मामले का पर्दाफाश होने पर फरारी के दौरान भी उसने एक हजार युवाओं का पेपर साल्व कराकर नौकरी लगवा दी थी। साल्वर गैंग के सरगना रोबिन को एसटीएफ सोनीपत की टीम ने 15 दिसंबर, 2021 को गिरफ्तार किया था। तब रोबिन ने बताया था कि उसको दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस ने भर्ती कराया था। उसने दिल्ली पुलिस का पेपर साल्व कराया था, जिससे रोबिन 2009 में पुलिस में भर्ती हुआ था।

    2013 में बनाया गैंग

    उसने 2013 में अपना गैंग बना लिया और पेपर साल्व कराने लगा। रोबिन से जनवरी, 2021 में 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी नहीं देने पर उसपर सेक्टर-23 में फायरिंग की गई थी। रोबिन ने 25 जनवरी को रंगदारी मांगने वालों को समझौते का झांसा देकर बुलाया और पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था।

    गैंग में हैं 200 से ज्यादा सदस्य

    इन दोनों मामलों की भी रिपोर्ट दर्ज हैं। रोबिन ने अपने गैंग को संगठित करके रखा था। उसने गैंग के अलग-अलग भाग बनाकर उनका जिम्मा सौंपा हुआ था। इस तरह 200 से ज्यादा सदस्य गैंग में अपना-अपना काम करते थे। उसके गैंग में कई कोचिंग सेंटर संचालक भी शामिल थे। एसटीएफ ने साल्वर गैंग की मिलीभगत से नौकरी पाने वालों की पहचान करके उनमें से भी 12 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।

    "साल्वर गैंग का सरगना रोबिन 12 से ज्यादा प्रतियाेगी परीक्षाओं के पेपर साल्व करा चुका था। वह अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग रेट तय करता था। इसके लिए दो लाख से 15 लाख रुपये प्रति सदस्य वसूलता था। जिसमें नेट पेपर के दो लाख रुपये, पुलिस भर्ती के पांच लाख, एम्स में नौकरी और पीओ की जाब के लिए 10 लाख रुपये वसूलता था। इस मामले में अभी भी जांच की जा रही है।" - इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, प्रभारी एसटीएफ, सोनीपत।