Gambia Children Death: सोनीपत में मौत का सिरप बनाने वाली फार्मा कंपनी में उत्पादन बंद, 12 स्तर की मिली खामियां
Gambia Children Death by Syrup अफ्रीकी देश गांबिया में सिरप से 66 बच्चों की मौत के मामले में मेडेन फार्मा कंपनी पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो गई है। फैक्ट्री में सिरप बनाने वाली मशीनों को एक एक कर सील किया जा रहा है।

सोनीपत, जागरण संवाददाता। गांबिया में कफ सिरप सप्लाई करने वाली मेडेन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की कुंडली स्थित फैक्ट्री में उत्पादन पूरी तरह से बंद हो, यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने फैक्ट्री की एक-एक मशीनों की जांच कर सुनिश्चित किया कि यहां किसी तरह का उत्पादन तो नहीं हो रहा है।
औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री को ड्रग एक्ट के अनुसार सील नहीं किया जा सकता। साथ ही यहां केमिकल रखे गए हैं और उसकी भी सीलिंग नहीं हो सकती है।
केंद्र-राज्य सरकार मिलकर जांच कर रही
मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के कफ सिरप के प्रयोग से अफ्रीकी देश गांबिया में बच्चों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में डब्ल्यूएचओ ने 66 बच्चों की मौत का जिम्मेदार मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के कफ सिरप को माना है। यह कंपनी सोनीपत के कुंडली क्षेत्र में स्थित है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने कंपनी की जांच शुरू कर दी है।
शुरुआती जांच में 12 स्तर की गड़बड़ी मिलीं
प्रारंभिक जांच में कंपनी में 12 स्तर पर गड़बड़ी मिली हैं। इसके चलते गृहमंत्री-स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कंपनी में उत्पादन रोकने के निर्देश दिए थे। गृहमंत्री के निर्देश के बाद बृहस्पतिवार दोपहर को औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर फैक्ट्री की एक-एक मशीन, उपकरण व भंडारण की जांच की।
अधिकारियों ने बताया कि कंपनी में कई तरह के रसायन और केमिकल का भंडारण है। उनको नियमित देखरेख और मानक पर आधारित तापमान में रखा जाना आवश्यक हैं। इसमें गड़बड़ी होने पर विस्फोट हो सकता है। रसायनों का भंडारण प्रबंधन की सुपुर्दगी में दिया जाएगा।
दवा निर्माता कंपनी का लाइसेंस निरस्त
अधिकारियों को कंपनी के कागजात की जांच में 12 स्तर पर गड़बड़ी मिलीं हैं। उसके बाद कंपनी का दवा निर्यात का लाइसेंस केंसिल कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) हरियाणा और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) नार्थ जोन गाजियाबाद की टीम की जांच में मिली गड़बड़ियों के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है।अब शासन ने अधोमानक दवा के बनने और निर्यात होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जांच शुरू कर दी है।
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