शहरों की तर्ज पर विकसित होगा सोनीपत का यह इलाका, तैयार होगा मास्टर प्लान
सरकार ने महाग्राम योजना के तहत खानपुर कलां के विकास के लिए 2047 तक की योजना बनाने का आदेश दिया है। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज के कारण इस क्षेत्र का तेज़ी से विस्तार हो रहा है। सुनियोजित विकास के लिए विभिन्न विभागों से जानकारी मांगी गई है ताकि शहरी सुविधाओं का विकास किया जा सके। खानपुर कलां में आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे।
परमजीत सिंह, गोहाना। राज्य सरकार के आदेश पर महाग्राम योजना के तहत खानपुर कलां में वर्ष 2047 तक विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार की जाएगी। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय और उत्तर भारत का पहला महिला मेडिकल कॉलेज होने के कारण इस महाग्राम का तेजी से विस्तार हो रहा है और आगे भी इसके विस्तार की संभावनाएं हैं।
नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग यहां सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए योजना तैयार करेगा। जिला नगर योजनाकार ने 12 विभागों के अधिकारियों से महाग्राम में उपलब्ध बुनियादी ढांचे और भविष्य में किए जाने वाले संभावित कार्यों की जानकारी मांगी है।
जिला सीएमओ, जिला शिक्षा अधिकारी, जनस्वास्थ्य विभाग गोहाना के कार्यकारी अभियंता, बीडीपीओ गोहाना, जिला खेल अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, परिवहन विभाग के महाप्रबंधक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अधिकारी, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता और सांख्यिकी अधिकारी से जानकारी मांगी गई है।
इन विभागों के अधिकारियों को यह भी जानकारी देनी होगी कि भविष्य में कितने बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ऐसी योजना तैयार करेगा, जिससे शहरों की तर्ज पर यहाँ भी सुनियोजित विकास किया जा सके। महाग्राम खानपुर कलां में आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की भी योजना बनाई जाएगी।
1936 में शुरू हुआ कन्या गुरुकुल, 2006 में बना विश्वविद्यालय
भगत फूल सिंह ने 1936 में तीन छात्राओं के साथ खानपुर कलां में कन्या गुरुकुल की शुरुआत की थी। उनकी हत्या के बाद, उनकी पुत्री पद्मश्री सुभाषिनी देवी ने इस संस्थान की बागडोर संभाली।
धीरे-धीरे संस्थान का विस्तार हुआ और देश के अधिकांश राज्यों से छात्राएँ यहाँ अध्ययन करने आने लगीं। राज्य सरकार ने 2006 में इस संस्थान का अधिग्रहण कर इसे भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय बना दिया। अब यहाँ पाँच हज़ार से ज़्यादा छात्राएँ अध्ययन कर रही हैं।
उत्तर भारत का पहला मेडिकल कॉलेज यहीं बना
उत्तर भारत का पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज भी महाग्राम खानपुर कलां में ही बना। भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज की स्थापना सितंबर 2011 में हुई थी। यहाँ एमबीबीएस का पहला बैच 2012 में शुरू हुआ था।
यहाँ 500 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी संचालित है, जिसमें हरियाणा के साथ-साथ आसपास के राज्यों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। यहाँ प्रतिदिन दो हज़ार से ज़्यादा ओपीडी होती हैं। दोनों संस्थानों की बदौलत खानपुर कलां को बड़े पैमाने पर पहचान मिली है।
एक हजार साल पहले बसा था गांव
खानपुर कलां गाँव लगभग एक हज़ार साल पहले बसा था। मलिक गोत्र के लोग पानीपत के सींक गाँव से आकर इस गाँव को बसाते थे। दो भाई गामड़ी और खानपुर यहाँ आकर बस गए। खानपुर गाँव का नाम खानपुर के नाम पर पड़ा, जो सबसे पहले यहां आकर बसे थे। गामड़ी गाँव का नाम गामड़ी के नाम पर पड़ा। गामड़ी गाँव और खानपुर कलां के बीच लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी है।
स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
खानपुर कलां गाँव के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया है। इस गाँव की प्रीता, दयानंद, बलदेवा, लीलू और प्रीता सिंह स्वतंत्रता सेनानी रही हैं। सुरजा प्रधान और जयराम यहाँ के महान समाजसेवी थे। कवि काकरिया वाल्मीकि और सूबा ने भी गाँव को पहचान दिलाई। दानवीर लाला मेधराज, लाला रामधारी और धर्मपाल वैद्य ने शिक्षण संस्थान बनवाए। कुलदीप, सुरेश, ओमप्रकाश, प्रदीप और सुनील ने खेलों में नाम कमाया।
खानपुर कलां की आबादी 10 हजार से अधिक
- महाग्राम योजना में शामिल होने पर शहर की तर्ज़ पर सीवर और पेयजल की व्यवस्था की गई
- गांव में उप-तहसील कार्यालय चल रहा है
- सात हजार से ज़्यादा मतदाता हैं
राज्य सरकार की महाग्राम योजना के तहत खानपुर कलां की विकास योजना-2047 तैयार की जाएगी। अगले 20-25 दिनों में यहाँ विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार कर ली जाएगी। बुनियादी ढाँचे के बारे में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से जानकारी माँगी गई है। जल्द ही योजना तैयार कर सरकार को भेज दी जाएगी।
-अजमेर सिंह, जिला नगर नियोजक
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