Sonipat Crime: नाबालिग से किया था प्रेम विवाह, पति समेत लड़की के माता-पिता पर केस दर्ज
खरखौदा में तीन माह पूर्व नाबालिग गर्भवती महिला के प्रसव के बाद बाल विवाह निषेध अधिकारी ने आरोपी पति सकलू और लड़की के माता-पिता पर मामला दर्ज किया। लड़की को खरखौदा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। पुलिस जांच में लड़की की शादी के समय उम्र 16 साल पांच महीने पाई गई।
जागरण संवाददाता, खरखौदा। तीन माह पूर्व नाबालिग गर्भवती महिला के प्रसव के बाद सामने आए मामले का संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी द्वारा संज्ञान लेने के बाद अब आरोपी पति सकलू और लड़की के माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उक्त मामला तब प्रकाश में आया जब 22 मई 2025 को एक नाबालिग गर्भवती लड़की को खरखौदा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में उसे पीजीआई, रोहतक रेफर कर दिया गया। वहां 23 मई को उसने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी 25 दिन की उम्र में मृत्यु हो गई।
इस पर संरक्षण अधिकारी ने खरखौदा थाने से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन खरखौदा थाने द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी द्वारा पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा गया। जिसके बाद खरखौदा पुलिस द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में लड़की नाबालिग पाई गई, विवाह के समय उसकी आयु 16 वर्ष पांच माह थी।
पुलिस जांच में लड़की की उम्र का खुलासा
आरोपी सकलू ने 24 अप्रैल 2024 को खरखौदा के एक मंदिर में नाबालिग से शादी की थी, जिसके बाद से वह उसके साथ खरखौदा में ही रह रहा था और 22 मई 2025 को उसने अपनी नाबालिग गर्भवती पत्नी को प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन आधार कार्ड में उम्र कम होने के कारण डॉक्टरों ने मामले की सूचना पुलिस को दी और गर्भवती महिला को पीजीआई, रोहतक रेफर कर दिया।
जहां अगले दिन 23 मई को नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया। जिसकी 25 दिन बाद ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो गई। इसके बाद जब पुलिस ने मामले की जाँच की तो लड़का तो बालिग है लेकिन शादी के समय लड़की की उम्र मात्र 16 साल पाँच महीने थी।
जिस पर पुलिस ने न केवल आरोपी लड़के के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में बल्कि लड़की के माता-पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज कर संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है।
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