सोनीपत के नर्सिंग होम में अवैध गर्भपात का भंडाफोड़, डॉ. तमन्ना पर FIR दर्ज
सोनीपत के भारद्वाज नर्सिंग होम में लिंग परीक्षण के बाद अवैध गर्भपात का भंडाफोड़ हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले का खुलासा किया है। डॉ. तमन्ना गके खिलाफ एमटीपी अधिनियम 1971 ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 और भारतीय न्याय संहिता 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में आगे की जांच की जा रही है।

संवाद सहयोगी, खरखौदा। रोहतक और सोनीपत स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने थाना कलां रोड स्थित भारद्वाज नर्सिंग होम पर लिंग परीक्षण के बाद अवैध मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) का भंडाफोड़ किया था। जिस पर टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़कर लिंग परीक्षण करने वाले चिकित्सक व इस धंधे में संलिप्त अन्य को भी पकड़ा था।
वहीं एक एफआईआर उत्तर प्रदेश में दर्ज करवाई। वहीं अब इस मामले में डॉ. तमन्ना के खिलाफ एमटीपी अधिनियम 1971, ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट 1940 व भारतीय न्याय संहिता 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत एक और मामला दर्ज करवाया गया है।
यह कार्रवाई 12 अप्रैल को सिविल सर्जन रोहतक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई। सूचना में बताया गया था कि भारद्वाज नर्सिंग होम में भ्रूण का लिंग परीक्षण कर अवैध एमटीपी किया जा रहा है।
सिविल सर्जन रोहतक ने पीसीपीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी और एमपीएचडब्ल्यूएम रणजीत सिंह को जांच के लिए भेजा। उन्होंने सोनीपत प्रशासन के सहयोग से एक संयुक्त टीम गठित की जिसमें डॉ. अनुराधा डोगरा, डॉ. मयंक सैनी और डीसीओ मुंशी राम शामिल थे।
लिंग परीक्षण के बाद महिला को दी थी एमटीपी की गोलियां
छापेमारी के दौरान क्लिनिक में एक महिला रक्तस्राव की स्थिति में मिली, जिसे तुरंत डीसीएच सोनीपत भेजा गया। क्लिनिक से एमटीपी किट (मेसोप्रिल) बरामद हुई, जिसमें तीन पैकेट थे। पूछताछ में डॉ. तमन्ना ने कबूला कि उन्होंने 11 अप्रैल को बिजनौर (यूपी) की दलाल सुमन के जरिए भ्रूण का लिंग परीक्षण करवाने के बाद महिला दिव्या को एमटीपी की गोलियां दी थीं।
जांच में यह भी सामने आया कि दिव्या को टैक्सी से बिजनौर भेजा गया, जहां रायल आरजे अस्पताल में डा. मसूद जावेद ने रात को अल्ट्रासाउंड किया। सीसीटीवी फुटेज में दलाल सुमन की बेटी द्वारा डॉ. मसूद को नकद पैसा देते हुए भी देखा गया। मरीज दिव्या को 12 अप्रैल को डीसीएच सोनीपत में भर्ती किया गया था और बाद में आस्कर अस्पताल में इलाज चला।
मेडिकल दस्तावेजों से पुष्टि हुई कि भ्रूण 15 सप्ताह का था और गर्भपात की पुष्टि अल्ट्रासाउंड से हुई है। इस गंभीर मामले में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत बिजनौर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी और अब सोनीपत में डा. तमन्ना के खिलाफ एक और केस दर्ज करवाया गया है।
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