Haryana Orbital Rail Corridor से NCR में खुलेंगी व्यापार और यातायात की संभावनाएं, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Haryana Orbital Rail Corridor से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। यह कॉरिडोर खरखौदा-झज्जर-गुरुग्राम होते हुए पलवल तक जाएगा। दिल्ली के चारों ओर एक Industrial Rail Ring बनाकर NCR के लिए यातायात और व्यापार की संभावनाएं खुलेंगी। इस प्रोजेक्ट से रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे आर्थिक परिदृश्य में सुधार होगा।

जागरण संवाददाता, खरखौदा: हरियाणा में सोनीपत का विकास अब नई कहानी लिखेगा। Haryana Orbital Rail Corridor (HORC) न केवल हरियाणा बल्कि कई जिलों को आपस में जोड़ेगा। दिल्ली के चारों ओर एक Industrial Rail Ring बनाकर पूरे NCR के लिए यातायात और व्यापार की संभावनाएं खोलेगा।
यह कॉरिडोर खरखौदा व इसके आसपास के 20 गांवों से होकर गुजरेगा। इसमें किड़ौली, पाई, पहलादपुर, बरोणा, गोपालपुर, पिपली, थाना कलां, तुर्कपुर, मंडोरी, मंडोरा, नाहरा, मल्हामाजरा, छतेहरा बहादुरपुर, जगदीशपुर, नसीरपुर बांगर, हरसाना खुर्द, हरसाना कलां और अकबरपुर बारोटा हैं। यहां भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है।
खास क्या है आर्बिटल रेल कारिडोर में
हरियाणा ऑर्बिटल रेल काॅरिडोर की लंबाई करीब 130 किलोमीटर है। यह पलवल से शुरू होकर सोहना, मानेसर, बहादुरगढ़, खरखौदा होते हुए सोनीपत तक पहुंचेगा। मानेसर से पाटली तक प्राथमिकता खंड में कार्य प्रगति पर है, वहीं सोनीपत और झज्जर में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
रेल लाइन दोहरी होगी और इस पर यात्रियों के साथ-साथ मालगाड़ियों भी दौड़ेंगी। दो रेलवे फ्लाईओवर और कुल 153 अंडरपास इस प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे, जिससे सड़क और रेल यातायात के बीच तालमेल बना रहेगा।
हरसाना कलां बनेगा बड़ा जंक्शन
रेल कारिडोर को दिल्ली-पानीपत मेन लाइन से जोड़ने के लिए हरसाना कलां में एक नया जंक्शन बनाया जाएगा। यहीं से यह रेल मार्ग पारंपरिक नेटवर्क में शामिल होगा। इसके साथ ही जिले में पिपली और तुर्कपुर में नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जो स्थानीय यात्रियों को सीधा लाभ देंगे।
खरखौदा आईएमटी के लिए गेम चेंजर
खरखौदा में विकसित हो रहा इंडस्ट्रियल माॅडल टाउनशिप (आईएमटी) पहले ही केएमपी एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग 334बी व 334पी से जुड़ा है। अब ऑर्बिटल रेल काॅरिडोर का जुड़ाव इस क्षेत्र को लाॅजिस्टिक हब में बदल सकता है। मारुति-सुजुकी जैसी आटोमोबाइल कंपनियों के लिए यह रेल मार्ग कच्चे माल की आवक और तैयार माल की देश-विदेश में आपूर्ति के लिए एक बड़ा जरिया बनेगा।
यह रेल काॅरिडोर सड़क के साथ-साथ रेल की ताकत भी इस इंडस्ट्रियल क्षेत्र को देगा, जिससे उद्योगों को मल्टी-माडल ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध होगी।
इन औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा सीधा लाभ
केवल सोनीपत ही नहीं, इस प्रोजेक्ट से गुरुग्राम, मानेसर, फर्रुखनगर, बहादुरगढ़, सोहना जैसे कई बड़े इंडस्ट्रियल बेल्ट भी लाभान्वित होंगे। अपने समय में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी विधानसभा सत्र में इस प्रोजेक्ट को हरियाणा के औद्योगिक विकास की रीढ़ बताया था, वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी भी इस प्रोजेक्ट को क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण बता चुके हैं।
इस लाइन पर बनेंगे 20 स्टेशन
केएमपी के पैरलल तैयार किए जा रहे ऑर्बिटल रेल काॅरिडोर में सोनीपत से पलवल रेल लाइन पर मानेसर, पाटली, सुल्तानपुर, न्यू पाटली, पंचगांव, चंदला डूंगरवास, धूलावत, मांडौठी जंक्शन, आइएमटी सोहना, सिलानी, पृथला, बाढ़सा, देवरखाना, बादली, पिपली, आसौदा, न्यू आसौदा, जसौर खेड़ी, न्यू हरसाना कलां व तारकपुर रेलवे स्टेशन बनेंगे।
परिवहन के नए रास्ते खोल रहा है प्रोजेक्ट
दिल्ली के चारों ओर पहले से मौजूद वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केएमपी) के समानांतर यह रेल काॅरिडोर तैयार किया जा रहा है। यह सड़क और रेल के समन्वय से ट्रांसपोर्ट की नई परिभाषा तय करेगा। भारी वाहनों का दिल्ली में प्रवेश रोका जा सकेगा और माल की ढुलाई कुशलतापूर्वक एक सिरे से दूसरे सिरे तक की जा सकेगी।
स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
जब मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए खरखौदा जैसे क्षेत्र में आना आसान होगा, तो स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा। निर्माण, लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्ट, वेयरहाउसिंग और सर्विस इंडस्ट्री में नए काम के दरवाज़े खुलेंगे। रेल से जुड़ी सुविधाएं जैसे स्टेशन, यार्ड, वर्कशॉप आदि भी स्थानीय संसाधनों और श्रम शक्ति का उपयोग करेंगे।
सोनीपत-पलवल ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की अन्य जानकारी पर एक नजर
सोनीपत से पलवल के बीच दौड़ेगी सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेन
160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी स्पीड
सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई करने के लिए प्रोजेक्ट किया डिजाइन
सालाना 40 लाख यात्री सफर कर सकेंगे
इस रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी, जो सीधे गुरुग्राम के क्षेत्र को दिल्ली के बाहर से राज्य की राजधानी चंदीगढ़ से जोड़ेगी।
यह मार्ग यात्रा के समय को कम करेगा।
दिल्ली को बाईपास करते हुए इस रेल मार्ग पर शताब्दी, सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी ताकि राज्य के लोगों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान की जा सके।
इस प्रोजेक्ट से हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टी माॅडल हब विकसित करने में मदद मिलेगी।
यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाला होगा।
यह दिल्ली से पलवल और सोनीपत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी और असावटी (दिल्ली-मथुरा मार्ग पर), पाटली (दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर), आसौदा (दिल्ली-रोहतक मार्ग पर), हरसाना कलां (दिल्ली-अंबाला मार्ग) और पृथला स्टेशन को जोड़ने का काम करेगा।
पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 130 किलोमीटर है
भूमि अधिग्रहण और निर्माण के दौरान ब्याज सहित कुल परियोजना लागत करीब 5618 करोड़ रुपये
23 प्रमुख जलमार्ग पुल
195 मामूली जलमार्ग पुल
दो रोड ओवर ब्रिज और 153 रोड अंडरब्रिज होंगे।
सोहना के पास पहाड़ी होने की वजह से करीब चार किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी।
ऑर्बिटल रेल काॅरिडोर केएमपी एक्सप्रेसवे से भी ऊंचाई पर बनाया जा रहा है।
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