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    Haryana News: पहले लिखित दिया हमारे पास नहीं आवासीय प्लॉट या मकान, जांच में मिले 150 मालिक

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 02:57 PM (IST)

    गोहाना में मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना में गड़बड़ी सामने आई है। 637 आवेदकों में से 150 ने स्व-घोषणा पत्र में गलत जानकारी दी। जांच में पता चला कि कई आवेदक पहले से ही आवासीय भूखंडों के मालिक हैं। अधिकारियों ने इन लोगों की रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है अब अंतिम निर्णय का इंतजार है।

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    मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत राज्य सरकार ने पिछले वर्ष आवेदन मांगे थे। (सांकेतिक तस्वीर)

    परमजीत सिंह, गोहाना। मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना (एमएमएसएवाइ) का लाभ लेने के लिए काफी लोग ऐसे मिले हैं जिन्होंने अपनी जमीन को ही छिपाकर आवेदन कर दिए। योजना में आवेदन के समय स्व-घोषणा पत्र में लिखित दिया गया कि उनके पास रहने के लिए आवासीय जमीन या मकान नहीं है।

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    ड्रॉ में उन लोगों के नाम भी आ गए। जब अधिकारियों ने धरातल पर जांच की तो 150 लोग ऐसे मिले जो आवासीय भूखंड या मकानों के मालिक हैं। अधिकारियों ने इन लोगों की रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय भेज दी। अब मुख्यालय स्तर पर अंतिम निर्णय होगा कि वास्तविक तथ्य छिपाकर आवेदन करने वाले लोगों को प्लॉट मिलेंगे या नहीं।

    मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत राज्य सरकार ने पिछले वर्ष आवेदन मांगे थे। गोहाना में 637 लोगों ने आवेदन किए थे। इन लोगों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के नए सेक्टरों में 30-30 वर्ग गज के प्लॉट देने के लिए चार माह पहले ड्रा निकाला गया।

    ड्रॉ में आवेदन करने वाले सभी लोगों के नाम आ गए। इन सभी लोगों ने आवेदन के समय स्व-घोषणा पत्र में लिखित दिया गया कि उनके पास रहने के लिए राज्य में कहीं भी आवासीय भूखंड या रिहायशी मकान नहीं है। ड्रा के माध्यम से उनको प्लॉट नंबर भी बता दिए गए थे। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्लॉटों की पोजेशन देने से पहले सभी आवेदनों की नए सिरे से पड़ताल की जाए।

    अधिकारियों ने इन लोगों की वार्षिक आय के साथ यह भी जांच की कि उनके पास आवासीय भूखंड या रिहायशी मकान तो नहीं है। नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा आवेदन करने वाले लोगों के पास जाकर उनके दस्तावेजों की जांच की गई। पात्र लोगों ने मकान मालिकों से लिखवाकर दे दिया कि वे उनके यहां पर किराये पर रहे रहे हैं। कुछ लोग ऐसे मिले जिन्होंने अपने मकानों या रिहायशी भूखंड की रजिस्ट्री ही पेश कर दी।

    जब कई केस ऐसे मिले तो अधिकारी हैरानी में पड़ गए। ये वहीं लोग थे जिन्होंने स्व घोषणा पत्र दिया था कि उनके पास प्लॉट या मकान नहीं है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पहले प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले रखा है या इस योजना के लिए आवेदन किया हुआ है। ऐसे लोगों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी।

    मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना की स्थिति

    • 637 परिवारों को गोहाना में प्लॉट आवंटित हुए
    • 350 परिवारों को जांच के लिए प्लॉटों की पोजेशन दी गई
    • 150 परिवार ऐसे मिले जो पहले ही आवासीय भूखंड व रिहायशी भवन के मालिक हैं
    • कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पीएम आवास योजना लाभ लिया हुआ है या आवेदन किया हुआ है

    स्व घोषणा पत्र यह दिया था लिखित में

    • मेरे व मेरे परिवार के पास राज्य में कहीं भी आवासीय भूखंड या रिहायशी मकान नहीं है
    • मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य द्वारा पीएम आवास योजना लाभ नहीं लिया है
    • लाभार्थी के रूप में सत्यापित होने के पश्चात जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर निर्माण कार्य करूंगा
    • योजना के अंतर्गत प्राप्त अनुदान से आवासीय इकाई का निर्माण नहीं करने पर उसे एकमुश्त लौटा दूंगा
    • आवास निर्माण में अनुदान राशि के बाद अतिरिक्त खर्च का वहन करूंगा
    • योजना की शर्तों व सरकार की हिदायतों का पालन करूंगा

    एमएमएसएवाइ के तहत आवेदनों की जांच कराई गई। लगभग 150 लोग ऐसे मिले जिनके पास आवासीय भूखंड या रिहायशी मकान मिले। इनकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है। मुख्यालय द्वारा ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा इन लोगों को प्लॉट मिलेंगे या नहीं।

    सुंदर शर्मा, सचिव, नगर परिषद गोहाना

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