अगर आप भी है खाने के शौकीन तो Murthal है बेस्ट, जानिए कौनसा पराठा है लजीज; दिल्ली से है इतना दूर
Famous Paratha in Murthal सोनीपत स्थित मुरथल के पराठे हर किसी को दिवाना बना देते हैं। दिल्ली वालों के लिए तो यह एक पिकनिक स्पॉट से कम नहीं है। यहां ...और पढ़ें

सोनीपत, जागरण डिजिटल डेस्क। Famous Parathas in Murthal: सोनीपत में स्थित मुरथल के पराठों के बारे में तो हर किसी ने सुना ही होगा। अगर आपने भी कभी दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे से सफर किया है तो आपने भी यकीनन इस जगह रुक कर लजीज पराठों का आनंद लिया होगा। इनका स्वाद इतना लाजवाब होता है कि सुनते ही किसी के भी मुंह में पानी आ जाए। आज हम इस लेख के जरिए सोनीपत के मुरथल के बारे में आपको कुछ खास बातों से अवगत कराएंगे।
टॉप 150 लीजेंडरी रेस्टोरेंट में बनाई जगह
बात करते हैं मुरथल के फेमस ढाबे अमरीक सुखदेव की, इस ढाबे ने दुनियाभर के टॉप 150 लीजेंडरी रेस्टोरेंट में अपनी जगह बना ली है। इस लिस्ट में अमरीक सुखदेव 23वें नंबर पर है। इसके लोकप्रिय का श्रेय यहां परोसे जाने वाले आलू के पराठों को जाता है। हालांकि यह अलग-अलग तरह के पराठों के लिए मशहूर है। दूर-दूर से यहां लोग पराठे खाने आते हैं।

दिल्ली और मुरथल की दूरी
मुरथल दिल्ली के लोगों के लिए किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं है। दिल्ली से मुरथल की दूरी सिर्फ 70 किलोमीटर है। राजधानी के लोग यहां लॉन्ग ड्राइव पर भी आते हैं। दिल्ली से मुरथल की दूरी महज 1 से 1:30 घंटे में पूरी हो जाती है। इसलिए ही वीकेंड पर लोग यहां अच्छे खाने और फोटोग्राफी की आस में यहां आते हैं।

कैसे पहुंचे यहां
-हरियाणा का मुरथल दिल्ली में आईएसबीटी कश्मीरी गेट बस स्टैंड से 53.8 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से बस में जा सकते हैं।
-NH44 पर जीटी रोड के किनारे पर स्थित है।
-दिल्ली से मैट्रो से भी आप मुरथल जा सकते हैं। इसका निकटतम मेट्रो स्टेशन आजादपुर है। यहां से आप बहुत आसानी से ढाबे तक पहुंच सकते हैं।

ढाबे का मैन्यू
अमरीक सुखदेव ढाबे पर आपको हर तरीके के पराठे मिलेंगे। यहां 11 प्रकार के तंदूरी पराठे, सात प्रकार के तवा पराठे, सैंडविच, बर्गर, भारतीय स्नैक्स, दक्षिण भारतीय व्यंजन, तंदूरी स्नैक्स, पिज्जा, पास्ता, पेस्ट्री, शेक, कूलर, पेस्ट्री शेक और स्वादिष्ट भारतीय मिठाइयाँ जैसे कुल्फी फालूदा, रबड़ी फालूदा, गुलाब जामुन और भी अन्य व्यंजनों की पूरी श्रृंखला मौजूद है।

सबसे बेस्ट पराठा
यहां की लोकप्रियता का श्रेय आलू के पराठों को जाता है। यह पराठा मसालेदार आलू की स्टफिंग से तैयार किया जाता है। जो अपने देसी स्वाद के लिए जाना जाता है। इसका टेस्क लोगों की जुबान से आसानी से नहीं उतरता है। यह इतना लजीज होता है कि इसे खाने से पेट भले ही भर जाए लेकिन मन कभी नहीं भरता है।

क्यों नहीं मिलता मांसाहारी भोजन
यहां शुध शाकाहारी खाना मिलता है। यही कारण है कि रोजाना यहां 10 हजार से ज्यादा लोग आते हैं। ढाबा संचालकों के परिजनों ने बताया कि बाबा कलीनाथ ने कहा था कि शाकाहार ही सबसे उत्तम है। यहां सिर्फ शाकाहारी खाना ही बनेगा। जो मांसाहार बेचेगा वह बर्बाद हो जाएगा। उनके आदेश को मानकर आज भी ढाबा संचालक सिर्फ शाकाहारी खाना बनाते हैं।

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