दिल्ली-NCR की इस सिटी में मरीजों की बनेंगी डिजिटल स्वास्थ्य ID, एक क्लिक में पूरी हिस्ट्री का चलेगा पता
उपमंडल नागरिक अस्पताल गोहाना में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत मरीजों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जाएगी। इससे डॉक्टर एक क्लिक में मरीज की बीमारी का पूरा इतिहास जान सकेंगे। आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड और लिंक मोबाइल नंबर जरूरी है। इस कार्ड के माध्यम से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।

जागरण संवाददाता, गोहाना। उपमंडल नागरिक अस्पताल गोहाना और इसके अंतर्गत आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत डिजिटल स्वास्थ्य आईडी बनेंगी। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) बनने से एक क्लिक से मरीज की बीमारी की पूरी हिस्ट्री का पता चल सकेगा।
एसएमओ डा. दिनेश छिल्लर ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक ली और उनको मरीजों को डिजिटल आईडी बनवाने के लिए प्रेरित करने को दिशानिर्देश दिए। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के पहले चरण में राज्य में 14 सरकारी अस्पतालों को शामिल किया गया है, जिनमेें उपमंडल नागरिक अस्पताल गोहाना भी शामिल है।
नागरिक अस्पताल और उसके क्षेत्र में आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जो भी मरीज उपचार कराने के लिए आएगा उनकी डिजिटल हेल्थ आइडी बनाई जाएगी। आइडी बनवाने के लिए मरीज के पास आधारकार्ड और उससे लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए। कार्ड बनाते समय मोबाइल पर ओटीपी आएगा।
उसी ओटीपी से मरीज की डिजिटल आइडी बनेगी। इस आइडी में मरीज को क्या बीमारी है, कितने समय से है, क्या-क्या उपचार दिया गया, क्या टेस्ट हुए और उनकी रिपोर्ट क्या है यह सब दर्ज होगा।
उसके बाद भविष्य में जब भी मरीज दोबारा उपचार के लिए अस्पताल आएगा तो उसकी बीमारी की हिस्ट्री का एक क्लिक में पता लग जाएगा। मरीज की बीमारी की हिस्ट्री के आधार पर उसका भविष्य में बेहतर उपचार हो सकेगा। इस मौके पर डा. श्याम सुंदर नरवाल, डा. राकेश रोहिल्ला, डा. चक्रवर्ती शर्मा, बीईई राजेश भारद्वाज रहे।
ऑनलाइन होंगी सभी सुविधाएं
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में नागरिक अस्पताल गोहाना के नोडल अधिकारी डा. राकेश रोहिल्ला ने कहा कि डिजिटल आइडी से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले। सभी सुविधाएं आनलाइन होंगी।
अस्पताल में स्कैनर कोड लगाए जाएंगे। मरीज कोड को स्कैन करेगा तो ओपीडी के सभी विकल्प खुल जाएंगे। जिस बीमारी की जांच करानी होगी, उसी पर क्लिक करके चिकित्सक की अप्वाइंटमेंट मिलेगी। चिकित्सक बीमारी के अनुसार टेस्ट कराएंगे। यह प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
मरीज को वहां सैंपल देने के लिए भेजा जाएगा। लैब में तकनीशियन आइडी खोलकर टेस्टों के लिए सैंपल लेगा। टेस्टों की रिपोर्ट वापस चिकित्सक के पास भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर दवा लिखी जाएगी। लिस्ट डिस्पेंसरी में ऑनलाइन जाएगी, जिसके बाद मरीज को दवा मिलेगी।
चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को डिजिटल हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें। जब मरीज का यह कार्ड बन जाएगा तो उसे दिए जाने वाले उपचार का पूरा विवरण ऑनलाइन दर्ज हो जाएगा। जब भी मरीज दोबारा उपचार के लिए आएगा तो आईडी से उसके रिकॉर्ड का पता चल जाएगा।
डॉ. दिनेश छिल्लर, एसएमओ, नागरिक अस्पताल गोहाना
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