सोनीपत के इस इलाके में जल्द दूर होगी पेयजल की किल्लत, 14 हजार लोगों को मिलेगा साफ पानी
गोहाना के नूरनखेड़ा ईशापुर खेड़ी और मदीना गांवों में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाए जा रहे हैं। एक महीने में पूरा होने पर इन गांवों के लगभग 14 हजार निवासियों को स्वच्छ पेयजल मिलेगा। नई तकनीक से जल शोधन में तेजी आएगी और पेयजल की गुणवत्ता में सुधार होगा। मदीना में जल संग्रहण के लिए एक अतिरिक्त तालाब भी बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, गोहाना। गांव नूरनखेड़ा, ईशापुर खेड़ी और मदीना के लोगों को जल्द ही पहले से अधिक स्वच्छ पेयजल मिलेगा। जनस्वास्थ्य विभाग गांव नूरनखेड़ा और मदीना में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) तैयार करवा रहा है, जिनका कार्य एक माह में पूरा हो जाएगा।
इसके बाद पेयजल शुद्धिकरण की क्षमता भी बढ़ जाएगी। विभाग जल्द ही ट्रायल के तौर पर दोनों डब्ल्यूटीपी भी शुरू करेगा। कार्य पूरा होने पर तीनों गांवों के करीब 14 हजार लोगों को लाभ मिलेगा।
जनस्वास्थ्य विभाग ने पहले गांव नूरनखेड़ा और मदीना में पानी की टंकियां बनाई थीं। यहां पुरानी तकनीक के आधार पर पानी को शुद्ध किया जाता था। फिल्टर टैंकों में गाद और बजरी से पानी साफ किया जाता था, जिसमें अधिक समय लगता था। नहरों से भी पानी कम पानी पानी की टंकियों में पहुंचता था।
इस कारण कई बार ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत का भी सामना करना पड़ता था। विभाग दोनों गांवों में पानी की टंकियों में डब्ल्यूटीपी तैयार करवा रहा है। डब्ल्यूटीपी में आधुनिक तकनीक से शुद्धिकरण किया जाएगा, जिससे पेयजल की गुणवत्ता और आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी।
नई तकनीक से जल शोधन का काम तेज़ी से होगा। नहरों से पानी की टंकियों के तालाबों तक पहुँचाने के लिए पंपसेट लगाए गए हैं। जल संग्रहण के लिए मदीना गांव में एक अतिरिक्त तालाब भी बनाया गया है।
दोनों जल शोधन संयंत्रों की क्षमता 0.5 एमएलडी होगी।
- नूरनखेड़ा और ईशापुर खेड़ी गांवों की आबादी 7,800 है।
- मदीना गांव की आबादी 6,500 है।
- नूरनखेड़ा में 298 लाख रुपये की लागत से जल शोधन संयंत्र का निर्माण होगा।
- मदीना में 157 लाख रुपये की लागत से जल शोधन संयंत्र का निर्माण होगा।
नूरनखेड़ा और मदीना गाँवों में आधुनिक तकनीक से जल शोधन संयंत्रों का निर्माण किया जा रहा है। इसके बाद, जल शोधन का काम तेज़ी से हो सकेगा। पेयजल की गुणवत्ता में सुधार होगा। दोनों संयंत्र एक महीने के भीतर चालू हो जाएँगे।
-नवीन गोयत, एक्सईएन, सिंचाई विभाग
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