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    Narnaul Accident: नारनौल में पेड़ से टकराई कार, सेना के पांच इंजीनियरों की मौत, सैदपुर गांव में मातम

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 14 Jul 2022 12:34 PM (IST)

    सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य नारनौल के सिविल हास्पिटल में शव लेने के लिए रवाना हो गए। गांव में भी जब हंसराज की हादसे में मौत हो जाने की सूचना पहुंची तो ग्रामीण हंसराज के घर पहुंचना शुरू हो गए और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।

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    दिल्ली कैंट से सहकर्मी के पोते के कुआं पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे बापडोली।

    सोनीपत/ खरखौदा, जागरण संवाददाता। जिले के गांव बापड़ोली में दिल्ली कैंट से आए पांच सेना की इंजीनियरिंग ब्रांच के पांच अभियंताओं की सिंघाना रोड बाइपास के पास कार पेड़ से टकराने के कारण हुई दुर्घटना में मौत हो गई। सेना के ये इंजीनियर गांव बापड़ोली में कुआं पूजन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे और देर रात करीब एक बजे वापिस दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। पांच लोगों की मौत को लेकर खरखौदा के सैदपुर गांव में भी मातम पसर गया है। सैदपुर निवासी हंसराज भी उसी कार में सवार थे, हादसे में उनकी मौत की सूचना पाने के बाद से ही पूरा परिवार सदमे में है।

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    45 वर्षीय हंसराज सेना में सेवारत थे और हाल समय में दिल्ली कैंट की इंजीनियरिंग ब्रांच में बतौर अभियंता तैनात थे। हंसराज अपने सहकर्मियों में से एक गांव बापड़ोली निवासी प्रेम सिंह के पोते के जन्मदिवस पर उनके पैतृक गांव अपने अन्य सहकर्मियों बसंत विहार निवासी 52 वर्षीय जयभगवान, नारनौल की पुरानी सराय निवासी 31 वर्षीय गौतम, तुर्कपुर गुरुग्राम निवासी 50 वर्षीय हजारीलाल और दिल्ली के तिलक नगर निवासी 56 वर्षीय ओमप्रकाश के साथ कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां से देर वापिस दिल्ली के लिए निकले थे।

    बताया जा रहा है कि सिंघाना रोड़, बाईपास के पास उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई और सभी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सैदपुर निवासी हंसराज के भरे-पूरे परिवार में उनके माता-पिता, दो भाई, पत्नी व तीन बच्चे हैं। जिसमें एक लड़का व दो लड़कियां है। हंसराज के पिता जहां दिल्ली विकास प्राधिकरण से सेवानिवृत हो चुके हैं वहीं बड़ा भाई राकेश रोहतक में रहते हुए कपड़े का कारोबार करता है, जबकि छोटा भाई ललित बवाना, दिल्ली में दुकान किए हुए हैं। परिवार को हादसे में हंसराज की मौत हो जाने की जैसे ही सूचना मिली तो पूरा परिवार सन्न रह गया।

    सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य नारनौल के सिविल हास्पिटल में शव लेने के लिए रवाना हो गए। गांव में भी जब हंसराज की हादसे में मौत हो जाने की सूचना पहुंची तो ग्रामीण हंसराज के घर पहुंचना शुरू हो गए और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया। अचानक हुए हादसे में हंसराज को खो देने से पूरा परिवार सहमा हुआ है, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अचानक से हुए हादसे में कैसे उनके बीच से हंसराज चले गए।