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    अब शुगर के मरीज भी खा सकेंगे चावल, निफ्टेम ने तैयार किया हेल्दी कंपोजिट राइस

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 10:33 AM (IST)

    निफ्टेम-के ने बाजरा और काला नमक चावल से 'कंपोजिट राइस एक्टूडेड मिलेट' नामक एक पौष्टिक चावल विकसित किया है। यह चावल शुगर के मरीजों के लिए उपयुक्त है, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर है, और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। इस चावल से 5 मिनट में खीर बनाई जा सकती है, जो सामान्य चावल से 20% सस्ती और अधिक पौष्टिक है। यह जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगा।

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। बाजरे से चावल बन सकता है, यह सुनने में भले अटपटा लगे, लेकिन अब यह सच है। कुंडली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फूड टेक्नोलाजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टेम-के) के वैज्ञानिकों ने ऐसा मोटा और पौष्टिक चावल तैयार किया है, जिसे शुगर के मरीज भी खा सकेंगे। यह चावल एंटीआक्सीडेंट, आयरन और फाइबर से भरपूर है और ब्लड शुगर या कोलेस्ट्राल बढ़ने का खतरा भी नहीं होता। इस अभिनव चावल को ‘कंपोजिट राइस एक्टूडेड मिलेट’ नाम दिया गया है। इसे वर्ल्ड फूड इंडिया में प्रस्तुत किया गया है और पेटेंट के लिए भी भेजा गया है।

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    निफ्टेम-के के प्रोफेसर डा. अंकुर ओझा ने बताया कि यह मिलेट चावल पूरी तरह से प्राकृतिक है, इसमें किसी भी तरह का कृत्रिम रंग या फ्लेवर नहीं डाला गया है। इस चावल से महज 5 मिनट में स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर तैयार की जा सकती है। एक पाउच से छह कटोरियों तक खीर बन जाती है, जो स्वाद में सामान्य खीर जैसी होती है, लेकिन सेहत के लिहाज से कहीं अधिक फायदेमंद है। इसमें आयरन और विटामिन-सी की भी पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो सामान्य चावल की खीर में नहीं होती।

    कैसे आया आइडिया?

    डॉ. ओझा ने बताया कि उन्होंने मिजोरम में काला चावल देखा था, जो एंटी आक्सीडेंट था। यह वहां का मुख्य भोजन था। हालांकि यह बेहद सख्त था, इसे बनाने के लिए रात भर भिगोया जाता है और सुबह उबालने के बाद ही तैयार किया जाता है। खास बात यह है कि जिस क्षेत्र में इसका सेवन किया जाता है, वहां कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी नहीं थी। जिसके बाद इस नवाचार को करने का विचार आया और इस पर काम शुरू किया गया।

    उन्होंने बताया कि यह चावल बाजरा, काला नमक चावल और सफेद चावल को मिलाकर तैयार किया गया है, जिसे उनकी टीम ने कंपोजिट राइस एक्टूडेड मिलेट नाम दिया है। इसे एक्सट्रूज़न टेक्नोलाजी से बनाया गया है, जिसमें अनाज के मिश्रण को उच्च तापमान और दबाव पर प्रोसेस कर नए दानों का रूप दिया जाता है। इससे चावल हल्के भूरे रंग के और स्वाद में सामान्य चावल जैसे ही बनते हैं।

    सेहत के लिए है फायदेमंद

    इस हेल्दी चावल में मिलेट्स के सभी पोषक गुण मौजूद हैं। इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन और एंथोसाइनिन जैसे तत्व भरपूर मात्रा में हैं। सामान्य चावल की तुलना में यह अधिक पाच्य है और डायबिटीज या मोटापे से पीड़ित लोग भी इसे खा सकते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर, कोलेस्ट्राल और पाचन संबंधी समस्याओं की आशंका नहीं रहती। डा. ओझा ने बताया कि इस उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने के लिए एक एमओयू साइन किया है। जल्द ही यह हेल्दी कंपोजिट राइस बाजार में आम उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा। यह सामान्य चावल से लगभग 20 प्रतिशत सस्ता भी होगा।


    निफ्टेम का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं को ऐसा विकल्प देना है जो स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिहाज से बेहतर हो। कंपोजिट राइस इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें मिलेट्स के औषधीय गुणों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर एक ऐसा उत्पाद तैयार किया गया है जो भविष्य में पारंपरिक चावल का हेल्दी विकल्प साबित होगा। आने वाले समय में हम इस तकनीक को बड़े पैमाने पर उद्योगों तक पहुंचाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।


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    डॉ. हरिंद्र सिंह ओबेराय, निदेशक, निफ्टेम-के