प्रदीप सिंह के परिजन 25 साल तक रहे गांव तेवड़ी के सरपंच
गांव तेवड़ी के बेटे प्रदीप सिंह के यूपीएससी में टॉपर रहने पर गांव में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सुखबीर सिंह के बेटे प्रदीप ने उनके गांव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
संवाद सहयोगी, गन्नौर : गांव तेवड़ी के बेटे प्रदीप सिंह के यूपीएससी में टॉपर रहने पर गांव में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सुखबीर सिंह के बेटे प्रदीप ने उनके गांव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ग्रामीण प्रदीप की कामयाबी पर उनके माता-पिता को बधाई संदेश भेज रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अब वह कह सकेंगे कि उनके गांव का भी एक बेटा आइएएस अधिकारी है। खास बात यह है कि प्रदीप सिंह के परिजन 25 साल तक लगातार गांव तेवड़ी के सरपंच रहे हैं।
गांव तेवड़ी की राजनीति प्रदीप सिंह के परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है। 25 वर्षों तक प्रदीप के परिजन गांव के सरपंच रह चुके हैं। सबसे पहले प्रदीप सिंह के दादा इंद्र सिंह गांव के सरपंच बने। उनके बाद उनकी दादी सुनहरी देवी सरपंच बनीं। दादी के बाद प्रदीप मलिक के पिता सुखबीर सिंह को गांव का सरपंच चुना गया। पिता के बाद प्रदीप के चाचा कृष्ण सरपंच रहे। फिर दोबारा प्रदीप के पिता सुखबीर सिंह गांव के सरपंच बने। इस बार गांव अनुसूचित जाति के सरपंच के लिए रिजर्व था, इस वजह से प्रदीप का परिवार सरपंच चुनाव में हिस्सा नहीं ले सका। प्रदीप का एकमात्र उद्देश्य आइएएस अधिकारी बनने का था, जिसे उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद पूरा कर लिया। गांव की मौजूदा सरपंच राजेश बताती हैं कि प्रदीप सिंह के यूपीएससी में देशभर में टॉप करने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर छा गई। गांव के उनके चाचा का परिवार व अन्य सदस्य रहते हैं। भतीजे ने बढ़ाया मान
प्रदीप के चाचा कृष्ण मलिक बताते हैं कि उनका परिवार छुट्टी में गांव आता रहता है। उनके बेटे का यूपीएससी में प्रथम स्थान आने से गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव में परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि प्रदीप शुरू से ही आइएएस बनना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपना मुकाम हासिल किया है, उन्हें अपने भतीजे पर गर्व है।