लोकलाज बनी चार मासूमों की मौत की वजह, साइको किलर पूनम पर पहले भी था शक लेकिन झाड़-फूंक कराते रहे मायकेवाले
एक हृदयविदारक घटना में, सामाजिक शर्म के डर से चार निर्दोष बच्चों की जान चली गई। पूनम नामक महिला, जिस पर पहले भी गंभीर संदेह थे, उसके परिवार ने अंधविश् ...और पढ़ें
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दीपक गिजवाल, सोनीपत। चार बच्चों की हत्या के मामले में जो तथ्य सामने आ रहे हैं वह सीधा इशारा कर रहा है कि लोकलाज का डर और आरोपित के मायका और ससुराल के लोगों की चुप्पी चार बच्चों की मौत की वजह बनी है। खासकर, विधि की मौत का सबसे बड़ा कारण तो यही है। सिवाह गांव में जिया का शव पानी की टंकी में मिलने के बाद उसके ताऊ सुरेंद्र ने सीधा पूनम पर ही शक जताया था। उसने परिवार के सामने ही हत्या का आरोप पूनम पर लगाया था। शक के घेरे में आते ही पूनम अचानक रोने लगी और सुसाइड की धमकी दी।
लोकलाज के डर से साधी चुप्पी
परिवार से जुड़े लोगों की मानें तो परिवार के लोग उस वक्त लोकलाज के डर से चुप्पी साध गए। उस समय पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया। पूनम के पति ने भी दावा किया है कि बच्ची का बिना पोस्टमार्टम करवाए अंतिम संस्कार करवा दिया गया था। तब उन्होंने यह सोचा कि शायद ऐसा दोबारा नहीं होगा और परिवार का नाम खराब न हो। इस चुप्पी का परिणाम ये निकला कि तीन महीने बाद ही विधि भी उसकी शिकार बन गई। हालांकि अब जिया के परिवार ने भी मामला दर्ज कराया है।
शुरू से ही असामान्य था व्यवहार
बेटे सहित चार बच्चों की हत्या के बाद पकड़ में आई पूनम का व्यवहार शुरू से ही असामान्य रहा है। शादी से पहले एक बार पूनम अपनी दादी का गला दबाकर उसे भी मारने का प्रयास कर चुकी थी।
उस वक्त भी परिवार ने आपसी मामला समझ, इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। वहीं, तीन साल पहले जब विधि के चेहरे पर चाय डालकर जलाया तो उस समय विधि के पिता संदीप को शक हुआ। उसने परिवार के सामने भी ये बात उठाई, लेकिन परिवार की बदनामी न हो और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी रिश्ते सही बने रहे, इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
अब विधि के पिता संदीप का भी कहना है कि बेटी से चाय गिरने की बात पूछने पर चाची शब्द ही बोलती थी। संदीप का कहना है कि यदि उस वक्त कोई कदम उठाया जाता तो शायद ये हत्याएं होने से बच जाती।
अब विधि की बुआ की मौत भी शक के दायरे में
विधि की दादी ओमी का कहना है कि अब जब बच्चों की मौत हुई तो उनको अपनी बेटी पूजा की मौत भी संदिग्ध लग रही है। ओमी का कहना है कि उनकी बेटी पूजा की शादी 2020 में हुई थी। वह पढ़ाई सिलसिले में अक्सर मायके आती रहती थी। अचानक ही वह बीमार हो गई। उसने बोलना तक बंद कर दिया। मानसिक स्थिति खराब हो गई। फिर 2021 में उसकी मौत हो गई। अब उनका शक है कि उसके साथ भी कही साजिश तो नहीं रची गई थी।
इलाज के बजाय, झाड़-फूंक कराते रहे स्वजन
सवाल उठ रहे हैं कि परिवार में पहले से ही कई घटनाएं होने के बाद उसके मायके वालों को भी उसके बारे में कई चीजें पता थी। अब जो बात निकल सामने आ रही है कि कई बार उसका व्यवहार असामान्य हो जाता था।
वह अक्सर अपने भीतर मृत युवक की आत्मा होने की बात भी करती थी तो परिवार को उसकी मानसिक स्थिति देख चिकित्सक को क्यों नहीं दिखाया। परिवार उसके जाल में फंसता रहा। मायके पक्ष के साथ ससुराल पक्ष के लोग भी उसकी झाड़-फूंक करवा चुके थे। यदि उस समय ध्यान दिया होता तो शायद बच्चे जिंदा होते।

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