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    सीएम नायब सिंह सैनी ने CMGGA-2025 के दूसरे चरण का किया शुभारंभ, बोले- सुशासन केवल व्यवस्था नहीं, जनता से जुड़ाव है

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोनीपत में CMGGA-2025 के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सुशासन केवल एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह ...और पढ़ें

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    ऋषिहुड विश्वविद्यालय में आयोजित सीएम गुड गवर्नेंस एसोसिएट्स (सीएमजीजीए) 2025 के दूसरे चरण के दौरान सीएम नायब सिंह सैनी।

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सुशासन केवल कानून और आदेश का नाम नहीं, बल्कि लोगों के दिलों को छूने और समाज की नब्ज को समझने की कला है। सुशासन तब स्थापित होता है जब हर नागरिक, किसान, मजदूर, युवा और मातृशक्ति यह महसूस करें कि सरकार उनकी अपनी है।

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    साथ ही उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध सेवा सुशासन के मुख्य स्तंभ हैं।

    मुख्यमंत्री सोमवार देर शाम को ऋषिहुड विश्वविद्यालय में आयोजित सीएम गुड गवर्नेंस एसोसिएट्स (सीएमजीजीए) 2025 के दूसरे चरण के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि वर्ष 2016 में शुरू हुआ सीएमजीजीए कार्यक्रम इस सोच से प्रेरित है कि पढ़े-लिखे, ऊर्जावान युवाओं को शासन की मुख्यधारा में कैसे जोड़ा जाए।

    युवाओं को चेंजमेकर बनाने की प्रक्रिया

    यह कोई नौकरी नहीं बल्कि युवाओं को ‘चेंज-मेकर’ बनाने की प्रक्रिया है। अब तक 175 से अधिक एसोसिएट्स इस कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके हैं, जो गांवों में जाकर संवाद के आधार पर समस्याओं का समाधान सुझाते हैं और वास्तविक सुशासन का धरातल मजबूत करते हैं।

    मुख्यमंत्री ने हरियाणा की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि राखीगढ़ी की 4,600 वर्ष पुरानी सभ्यता इस भूमि की समृद्धि का प्रमाण है। सीएमजीजीए के माध्यम से 70 प्रतिशत से अधिक एसोसिएट्स आज भी नीति अनुसंधान, सामाजिक क्षेत्र और विकास कार्यों में सक्रिय हैं।

    सीएमजीजीए-2025 के नये स्वरूप को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस चरण का मंत्र है ‘नवाचार हो चुका है, अब क्रियान्वयन करना है।’ इस बार ग्लोबल विलेज फाउंडेशन क्रियान्वयन एजेंसी और ऋषिहुड यूनिवर्सिटी लर्निंग पार्टनर के रूप में जुड़े हैं। कुल 27 एसोसिएट्स ग्रामीण विकास, नीति अनुसंधान, शासन, जलवायु नीति और डेटा एनालिटिक्स जैसी प्राथमिकताओं पर कार्य करेंगे।

    ये उम्मीदवार टीआइएसएस, आइआइटी व आइआइएम जैसे प्रमुख संस्थानों से आते हैं और नीति आयोग जैसे संगठनों में कार्यानुभव रखते हैं।

    राष्ट्र-निर्माण के रूप में देखें 

    उन्होंने एसोसिएट्स को संदेश देते हुए कहा कि इस अवसर को केवल प्रमाणपत्र या करियर की सीढ़ी न समझें, बल्कि इसे राष्ट्र-निर्माण के मिशन के रूप में देखें। समर्पण के साथ काम करें, हर जिम्मेदारी को गंभीरता से लें, सत्यता और पारदर्शिता को कभी न छोड़ें, और नवाचार की सोच हमेशा जीवित रखें। चुनौतियां आएंगी, गलतियां होंगी, लेकिन उनसे सीखकर आगे बढऩा ही सच्चा नेतृत्व है।

    इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व केेंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, विधायक कृष्णा गहलावत, विधायक पवन खरखौदा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव यशपाल यादव, डीसी सुशील सारवान, ग्लोबल विलेज फाउंडेशन के अध्यक्ष सुमित कुमार, ऋषिहुड यूनिवर्सिटी के सीईओ साहिल अग्रवाल व देवेंद्र कौशिक आदि भी मौजूद रहे।

    युवाओं की भूमिका पर जोर

    मुख्यमंत्री ने सभी चयनित मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों से अलग से भी मुलाकात की। उन्होंने सभी का परिचय लिया और हरियाणा में काम करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम (सीएमजीजीए) का उद्देश्य मुख्यमंत्री के सुशासन को साकार करने में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करना है।

    यह कार्यक्रम केवल फेलोशिप या रोजगार नहीं, बल्कि युवाओं को ‘चेंज-मेकर’ के रूप में विकसित करने की एक सशक्त प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार की सुशासन की सभी नीतियों को जिला स्तर से लेकर के उपमंडल ब्लाक और गांव स्तर तक पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव भी साझा किए और नियुक्ति पत्र भी दिया।