पिपली खेड़ा गांव में अवैध कब्जों की भरमार
संवाद सहयोगी, गन्नौर : गांव पिपली खेड़ा में प्रशासन द्वारा भले ही विकास कार्यों पर लाखों रुप
संवाद सहयोगी, गन्नौर : गांव पिपली खेड़ा में प्रशासन द्वारा भले ही विकास कार्यों पर लाखों रुपये खर्च करने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। गांव के जोहड़ में पशुओं के पीने का पानी नहीं है। लोग गांव के समीप से गुजरती माइनर में पानी आने का इंतजार करते रहते हैं कि कब माइनर में पानी आएगा और वे अपने पशुओं को नहलाएंगे। गांव के जोहड़ में जलकुंभी उगने व गांव का गंदा पानी उसी जोहड़ में जाने से इसका पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। इसके अलावा गांव में कोई दूसरा जोहड़ नहीं है। ग्रामीण रामकिशन, संजय, विरेंद्र, संदीप, विकास ने बताया कि गांव में अवैध कब्जों की भरमार के कारण जोहड़ छोटा होता जा रहा है। गांव में अवैध कब्जा करने के लिए होड़ सी लगी हुई है। गांव का शमशान घाट भी गांव से गुजरने वाली सड़क व रिहायशी घरों के बीच है और उसकी चारदीवारी भी नहीं की गई है जिस कारण ग्रामीणों का वहां से आने-जाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। शमशान घाट की चारदीवारी न होने के कारण राख उड़ कर लोगों के घरों में घुस जाती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से उक्त सभी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करवाने की मांग की है।
निशानदेही के बाद होगी कार्रवाई
ग्राम पंचायत की तरफ से इसकी सूचना खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को दी जा चुकी है। अधिकारियों ने पटवारी को जोहड़ की निशानदेही करवाने के निर्देश दिए हैं। जोहड़ की निशानदेही होने के बाद अवैध कब्जा हटवाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। वहीं शमशान घाट की तरफ पहले किसी घर का मुख्य द्वार नहीं था, लेकिन अब लोगों ने पिछली तरफ दरवाजे खोल दिए हैं जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। पंचायत शमशान घाट का स्थाई समाधान करवाने का प्रयास कर रही है।
विनय मलिक, सरपंच, पिपलीखेड़ा
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