शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र आवश्यक : हरीश रामकली
बजरंग दल के प्रांत प्रमुख हरीश रामकली ने कहा कि शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र आवश्यक हैं।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : बजरंग दल के प्रांत प्रमुख हरीश रामकली ने कहा कि शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र से सुसज्जित होना आवश्यक है। अकेले शास्त्र को हमलावर आगे नहीं बढ़ने देते हैं और अकेला शस्त्र निरंकुश हो सकता है। वह विजय दशमी के मौके पर सेक्टर 14 में शस्त्र पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शस्त्र हमारा आभूषण है। जब वनों में शास्त्रोक्त आधार पर राक्षसों ने यज्ञ नहीं करने दिया, तब राम और लक्ष्मण को शस्त्र लेकर जाना पड़ा। इससे स्पष्ट है कि शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र को तैयार रखना पड़ता है। इसी प्रकार जब शस्त्र रावण जैसे राक्षसीवृत्ति वाले हाथों में पहुंच जाते हैं, तब वह मानवता व देवत्व के विरोध में खड़े हो सकते हैं। आज दुनिया के कई देश इसी मार्ग पर चल रहे हैं। इनको नियंत्रित करने के लिए भारत जैसे शास्त्र व शस्त्रधारी विचारधारा वाले देश का आगे आना आवश्यक है। यही समय की मांग है और यही हमारा गौरवपूर्ण इतिहास है। सुभाष गुप्ता ने कहा कि शस्त्र पूजन की परंपरा का स्पष्ट संदेश है कि असत्य के विनाश और सत्य की स्थापना के लिए तत्पर रहना होगा। प्रभु श्रीराम का जीवन हमको संदेश देता है कि राक्षसीवृत्ति वालों को संभलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखना होगा कि किसी भी हाल में छल-प्रपंच का शिकार नहीं होना है। जागरूकता के लिए विहिप जिले में गोष्ठियों का आयोजन करेगी।