क्रोध से करें परहेज : कमलपुरी
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गोहाना, संवाद सहयोगी :
गौकर्ण धाम रोहतक के महत कमलपुरी महाराज ने कहा कि क्रोध मनुष्य को विनाश और कठिनाई की तरफ ले जाता है। क्रोध मनुष्य को मानसिक रूप से खोखला कर देता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को विनम्रता अपनानी चाहिए। विनम्रता हमें सुख व शाति प्रदान करेगी। वे मैन बाजार में श्रद्धालुओं को प्रवचन दे रहे थे।
कमलपुरी महाराज ने कहा कि भागदौड़ की दुनिया में मनुष्य को एक पल का चैन नहीं है। मनुष्य एक सीढ़ी चढ़ने के बाद दूसरी सीढ़ी को पकड़ने की चाह में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज में मनुष्य अपने दुख से नहीं बल्कि दूसरे के सुख से अधिक दुखी हैं। उन्होंने कहा कि क्रोध मनुष्य की बुद्धि को नष्ट करता है और उसके बाद वह पतन की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है। क्रोध आने पर हमें चुप्पी साध लेनी चाहिए। कुछ पल का क्रोध हमें जिंदगी भर पछतावा दे सकता है। महाराज ने कहा कि विनम्रता अपनाने से मनुष्य को सुख व शाति दोनों मिलते है। उन्होंने कहा कि सत्संग करने व सुनने का लाभ तभी है जब मनुष्य अपने गुरुओं की बातों पर अमल करे। उन्होंने कहा कि सच्चे संतों की अपने भक्तों पर लगातार कल्याण की वर्षा होती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बहता हुआ शीतलता देता है उसी तरह से संत भी अपने साधकों को शीतलता प्रदान करते है। इस मौके पर सविता मदान, राजेंद्र सिंह, खजान सिंह, जीवन विज, प्रेम शर्मा, भावना, संतोष, जग्गी, हिमाशु, डा.वीके गुप्ता, केएल पिपलानी, गौरव कपूर, सरोज आदि मौजूद थे।
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