तालाब बचेंगे तो हर वर्ग को होगा लाभ
एडवोकेट ज¨तद्र कुमार तालाबों से सभी को लाभ है, पशु-पक्षी जानवर पानी पी सकते हैं। तालाबों के किनार
एडवोकेट ज¨तद्र कुमार
तालाबों से सभी को लाभ है, पशु-पक्षी जानवर पानी पी सकते हैं। तालाबों के किनारे पेड़-पौधे होते हैं, इसे पर्यावरण हरा-भरा और सुंदर बनता है। पहले मनुष्य के लिए तालाब ही पानी के सबसे प्रमुख स्त्रोत थे। गांव में कई तालाब होते थे। एक तालाब में बरसात का पानी पीने के लिए होता था, दूसरे में नहाने और कपड़े धोने के लिए होता था। पशु भी तालाब में पानी पीते थे। तालाबों के बाद में कुएं की खोदाई की गई। फिर लोग कुएं से पानी खींच कर पीने लगे। जब तालाबों में पानी होता था तो भूजल स्तर काफी ऊपर होता था। जब से शहरीकरण बढ़ा है, तब से तालाब खत्म होते जा रहे हैं। जिले के सभी गांवों में पहले तालाब थे। अब गिने-चुने गांवों में ही तालाब बचे हैं। तालाब खत्म हो गए तो उनमें जमा होने वाला लाखों लीटर बरसाती पानी व्यर्थ में नालियों में बहकर चला जाता है। जब तक हम पानी को नहीं बचाएंगे तब तक भूजल स्तर भी ऊपर नहीं आएगा। पानी बचाने के लिए तालाबों का होना जरूरी है। तालाबों को बचाने के लिए सरकार के स्तर पर गांवों में तो पहले से काम होता रहा है। अब तो शहरों में जरूरत है। गांवों का पानी अभी भी तालाबों में ही जमा होता है। यही वजह है कि अभी भी गांवों का भूजल स्तर शहरों की अपेक्षा काफी ऊपर है। दैनिक जागरण ने तलाश तालाबों की अभियान चलाकर सरकार और समाज को दोबारा से तालाबों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस अभियान से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए कि शहरों में तालाबों को खोदने की सख्त जरूरत है।
(लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता एवं परफेक्ट इंडिया फाउंडेशन के महासचिव हैं।)
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