रामदेव आनंदमूर्ति गुरुमां का आश्रम घूमने पहुंचे
जासं, गन्नौर: योगगुरु बाबा रामदेव ने संत आनंदमूर्ति गुरुमा से भेंट कर आध्यात्मिक व सामाजिक मुद्दो
जासं, गन्नौर:
योगगुरु बाबा रामदेव ने संत आनंदमूर्ति गुरुमा से भेंट कर आध्यात्मिक व सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की। बाबा रामदेव ने चर्चा में कहा कि मैंने स्कूल या कॉलेज में जाकर न तो शिक्षा ली है और न ही प्रमाण-पत्र लिए हैं। मैंने वेद, शास्त्रों का अध्ययन किया है।
कार्यक्रम में आए स्वामी रामदेव ने आनंदमूर्ति गुरुमा से गन्नोर स्थित आश्रम में सदिच्छा से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि आनंदमूर्ति गुरुमा से उनका परिचय दो दशक से अधिक पुराना है। गुजरात प्रवास के दौरान किसी ने मुझे गुरु मां द्वारा रचित और इन्हीं के गाये हुए भजनों की कैसेट लाकर दी और मैंने उन्हें सुना तो मैं उनका प्रशसक हो गया। उन दिनों टीवी पर इनको सुनकर मैं और भी प्रभावित हो गया।
स्वामी रामदेव ने उसी वक्त आनंदमूर्ति गुरुमा के उन भजनों में से कुछ पंक्तिया गा कर भी सुनाई। उन्होंने कहा कि गुरुमा बहुत दिव्य संत हैं, मेरी बड़ी बहन समान हैं। उनकी कृपा और आशीर्वाद मुझ पर बरस रहे हैं।
आनंदमूर्ति गुरुमां ने रामदेव बाबा का पूरे आदर के साथ सत्कार किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सच्चा संत तो हाथी की तरह होता है जो अपनी मौज में चलता है। कोई सम्मान या अपमान से उसे लेशमात्र भी फर्कनहीं पड़ता। गुरुमा ने बाबा रामदेव को आश्रम के विविध विभागों से परिचित करवाया।
स्वामी रामदेव ने आश्रम की प्रशसा करते हुए कहा कि बहुत समय से मुझे इस आश्रम में आने की इच्छा थी। संत आनंदमूर्ति गुरुमां से मिलने की इच्छा थी और आज जब मैं यहां से गुज़र रहा था तो अचानक यहा आने की योजना बना ली।
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