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    ऐतिहासिक गांव में सुविधाओं का अभाव

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    Updated: Tue, 01 Jul 2014 06:02 PM (IST)

    फोटो: 23 से 35

    चलो गाव की ओर.. गांव कथूरा

    -आबादी 16 हजार

    पुरुष : करीब आठ हजार छह सौ

    महिलाएं : करीब सात हजार चार सौ

    कबड्डी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक खिलाड़ी देने वाला गाव कथूरा कबड्डी में भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यहा पर कबड्डी के खिलाड़ियों को तराशने के लिए सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही। कबड्डी खिलाड़ी ओम प्रकाश नरवाल (पुलिस अधीक्षक), सोनू नरवाल ( उप पुलिस अधीक्षक), शमशेर उर्फ पप्पा व जगदीश चंद्र जैसे विश्व विख्यात कबड्डी खिलाड़ियों वाले इस गाव में पीने के पानी, खेतों में सेम (नमी) व बिजली की भारी समस्या है। गाव की गलियों से निकलने वाला गंदा पानी भी तालाब में जाकर गिर रहा है, इससे तालाब का पानी भी पशुओं के पीने के लायक नहीं बचा है।

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    गांव का इतिहास

    गांव कथूरा का इतिहास भी काफी बेहतर है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां करीब साढ़े सौ वर्ष पहले कत्थू नाम का उनका पूर्वज यहां आया था, जिनके नाम पर ही गांव का नाम कथूरा पड़ा। कत्थू की पांच संतान कालिया, कर्णसान, भैभराण, प्रवाण व नानगण हुए, जिनके नाम से ही गांव में पांच पाने है। कबड्डी में गांव के खिलाड़ियों का कोई सानी नहीं है। गांव के 12 खिलाड़ियों ने एशियन कबड्डी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते हैं। गांव में करीब नौ दशक पहले बाबा माडू नाथ आए थे, जिनकी ग्रामीणों में बहुत मान्यता है।

    बताया जाता है कि जब गाव में बाबा माडू नाथ आए थे तो टिड्डी दल ने गांव की तरफ हमला कर दिया था। बताया जाता है कि बाबा माडू नाथ के प्रताप से टिड्डी दल गांव की सीमा में प्रवेश नहीं कर सका। उसके बाद से अब तक गांव में फसलों को टिड्डी दल नुकसान नहीं पहुंचाता। इतना ही नहीं गांव में ओलावृष्टि का प्रकोप भी नहीं होता, जिसे भी ग्रामीण बाबा माडू नाथ का आशीर्वाद मानते हैं। बाबा माडू नाथ ने गांव में दो कुएं बनवाए थे। गांव में दो आइटीआइ व पावर हाउस स्थापित है।

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    गाव की तीन प्रमुख समस्या

    सेम की समस्या से ग्रामीण त्रस्त

    गाव के खेतों का काफी बड़ा क्षेत्र झील में पड़ता है। इस क्षेत्र में सेम (नमी) की समस्या भी है। इस क्षेत्र में जब किसान गेहू की फसल की बिजाई करते है तो हल्की सी बारिश होते ही खेतों में पानी जमा हो जाता है, और वह पानी लंबे समय तक सूख भी नहीं पाता है। जमीन का जल स्तर भी काफी ऊपर आ चुका है। इससे किसानों की काफी एकड़ जमीन में गेहू की फसल आम तौर पर बर्बाद हो जाती है। किसान जमीन में धान की रोपाई भी करते है। उस समय बारिश होने से खेतों में पानी भर जाता है। उस पानी की निकासी का उचित प्रबंध न होने से भी किसानों की धान की फसल बर्बाद हो जाती है।

    दूषित पानी से लोगों को समस्या

    गाव में कालिया पाना की गलियों का दूषित पानी पशु तालाब में जाकर गिरता है। इससे तालाब का दूषित पानी खराब हो गया है। ग्रामीणों को तालाब में पशुओं को पानी पिलाने में परेशानी हो रही है। तालाब का पानी खराब होने से लोगों को मजबूरी में अपने घरों में पशुओं को नहाने के साथ पानी पिलाना पड़ता है।

    स्टेडियम में सुविधाओं का अभाव

    गाव में स्टेडियम बनाया गया है, लेकिन यहा कबड्डी खेलने की कोई सुविधा नहीं है। स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए कोई मूलभूत सुविधा नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी के खिलाड़ी देने वाले इस गाव स्टेडियम में कोई कबड्डी प्रशिक्षक नहीं है। स्टेडियम में पीने के पानी की भी उपयुक्त सुविधा नहीं है।

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    ''गाव कथूरा से मिर्जापुर खेड़ी की तरफ जाने वाला संपर्क मार्ग काफी अर्से से अधर में लटका पड़ा है। इस मार्ग के निर्माण के लिए चार-पाच साल पहले कुछ हिस्से में रोड़े भी बिछाए गए थे। इसके बाद इस मार्ग का काम बीच में छोड़ दिया गया। मार्ग का अधिकतर हिस्सा कच्चा और कुछ हिस्से में रोड़े पड़े होने से दोनों गावों के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।'

    ग्रामीण धर्मबीर

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    ''गाव के खेतों में काफी बड़े हिस्से में सेम (नमी) की समस्या होने के चलते किसानों को फसलों में भारी नुकसान होता है। कई बार तो किसानों की पूरी की पूरी फसल खराब हो जाती है और उन्हे जुताई, बीज व दवाओं में होने वाले खर्च की भी हानि होती है। सरकार खेतों से जालीदार भूमिगत पाइप दबाए और उसके बाद पाइपों के माध्यम से पानी को ड्रेन आउट किया जाए।'

    ग्रामीण ओमप्रकाश

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    ''गाव में पेयजल की भी भारी समस्या है। ग्रामीणों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी को इधर-उधर से जुटाना पड़ता है। गाव में पुराना जल घर है, जिससे पूरे गाव में पेयजल की आपूर्ति होती है। नए जल घर का काम भी धीमी गति से चला हुआ है। गाव में टयूबवेल से भी लाइन बिछाई गई थी, लेकिन सुचारु ढग से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।'

    राजबीर

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    ''गाव की गलियों से निकलने वाले दूषित पानी की निकासी की ठोस योजना बनाई जानी चाहिए। गलियों का दूषित पानी पशुओं के तालाब में जाकर गिरता है। प्रशासन किसी दूसरे तालाब की खुदाई करवाए, जिसमें गलियो का दूषित पानी गिराया जा सके।'

    राम सिंह

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    ''गाव के दर्जनों कबड्डी खिलाड़ियों ने गाव का नाम रोशन किया है। गाव के ओम प्रकाश नरवाल, सोनू नरवाल के अलावा अनेक खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन किया है। गाव के सैकड़ों युवा कबड्डी का अभ्यास करते है, लेकिन यहा पर इस खेल को लेकर सरकार द्वारा अच्छी सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। गाव में कबड्डी कोच के साथ-साथ अच्छी सुविधा मुहैया होनी चाहिए।'

    ग्रामीण विजय

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    ''गाव में बिजली निगम द्वारा 33 केवी का पावर हाउस बना रखा है, लेकिन गाव में बिजली की भारी समस्या है। गाव में पूरे दिन में लगभग दस घटे बिजली की सप्लाई आती है। शेडयूल में भी कई बार अघोषित कट लग जाते है।'

    ग्रामीण बिजेंद्र

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    ''गाव के विकास को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है और गाव में काफी काम हुए भी है। गाव में गऊ घाट नहीं है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। गऊ घाट बनवाने और तालाबों की रिटर्निग वाल बनवाने का प्रयास किया रहा है। गाव की फिरनी भी अगर पक्की हो जाए तो ग्रामीणों को काफी लाभ होगा। सेम की समस्या के समाधान को लेकर सरकार से पहले माग भी की जा चुकी है।'

    सरपंच केला देवी

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    ''गांव कथूरा में विकास कार्य प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं। अगर फिर भी कोई समस्या है तो ग्रामीण उनसे समस्या को लेकर कभी मिल सकते हैं। उनकी समस्या का निदान कराया जाएगा। खेलों को लेकर गांव में सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी।'

    बीडीपीओ रणबीर।

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