Ashok Tanwar: पांच साल में बदलीं 3 पार्टियां, कौन हैं अशोक तंवर जिन्होंने कांग्रेस में की घर वापसी
Who is Ashok Tanwar हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच अशोक तंवर ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। उन्हें सिरसा से कुमारी सैलजा के खिलाप खड़ा किया गया था। लेकिन वह इस चुनाव में हार गए थे। दो दिन बाद मतदान हैं ऐसे में भाजपा के लिए यह बड़ा झटका है।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। Ashok Tanwar Profile: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के प्रत्याशी रहे अशोक तंवर ने कांग्रेस में घर वापसी कर ली है। गुरुवार को राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की।
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उन्हें सिरसा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था। लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा से चुनाव हार गए थे। आम चुनाव से पहले उन्होंने आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। वह इससे पहले कांग्रेस पार्टी से भी जुड़े रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले छोड़ी आप
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद लोकसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा से जुड़ गए थे और अब विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले उन्होंने फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। बीच में उन्होंने अपनी पार्टी भी बनाई थी और कुछ समय के लिए तृणमूल कांग्रेस में भी शामिल रहे।
साल 2019 में छोड़ी थी कांग्रेस
अशोक तंवर ने कहा था कि उन्होंने काफी देखा है कि जो लोग बाबा साहब की फोटो लगाते हैं। वहीं, संविधान पर भरोसा नहीं करते। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को लोकसभा चुनाव में जनता सबक सिखाएगी।
अशोक तंवर ने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी और 2022 में आम आदमी पार्टी में में शामिल हुए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि तंवर के शामिल होने से हरियाणा में बीजेपी अपने वोट को और मजबूत कर लेगी। खासतौर से वहां जहां जाट सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है।
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छात्र जीवन के दौरान से ही रहे राजनीति में सक्रिय
अशोक तंवर का जन्म साल 1976 में हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था। उनके पिता पेशे से किसान थे। अशोक तंवर जब छात्र थे तभी से राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
छात्र जीवन में उन्होंने जेएनयू के छात्र संघ का चुनाव लड़ा और जीते भी। साल 1999 में एसएसयूआई के सचिव और 2003 में अध्यक्ष बनें। साल 2009 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने सिरसा से चुनाव जीता था। इसके बाद वह साल 2014 में नेशनल लोकदल के प्रत्याशी से हार गए।
कांग्रेस ने किया स्वागत
कांग्रेस ने उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा है कि पार्टी में उनकी वापसी से राज्य में वंचितों के अधिकारों की लड़ाई को मजबूती मिलेगी। कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर कहा कि हमारे संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और हरियाणा में इसके अभियान समिति के सदस्य हमारे साथ शामिल हुए।
कांग्रेस परिवार में आपका स्वागत है, भविष्य के लिए शुभकामनाएं। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा शोषितों और वंचितों की आवाज उठाई है और संविधान की रक्षा में ऐसा करना जारी रखेगी।
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