दो दिन की बारिश से फसलों को नुकसान, सिरसा की मंडियों में धान खरीद ठप
सिरसा जिले में दो दिन की बारिश से फसलों को नुकसान हुआ और मंडियों में धान की खरीद बाधित हुई। किसानों ने कम उपज पहुंचाई जबकि सोसायटी कर्मचारियों की हड़ताल से सरकारी खरीद प्रभावित हुई। कर्मचारी कमीशन कटौती का विरोध कर रहे हैं जिससे मंडियों में खरीद कार्य ठप है और किसानों को परेशानी हो रही है। अधिकारियों ने जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, सिरसा। जिले में दो दिन हुई बारिश ने एक ओर जहां धान व नरमा-कपास की फसलों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं इसका सीधा असर मंडियों में चल रहे धान खरीद सीजन पर भी पड़ा है। बुधवार को किसानों की ओर से मंडियों में सीमित मात्रा में ही उपज पहुंचाई गई। वहीं, सोसायटी कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सरकारी खरीद कार्य भी प्रभावित रहा।
समर्थन मूल्य पर खरीदी उपज का नहीं हो रहा उठान बारिश से भीगी उपज को किसान मंडियों में सुखाते नजर आए।अब तक सिरसा जिले की मंडियों में करीब 1,02,945 क्विंटल पीआर धान समर्थन मूल्य पर पहुंच चुका है, जिसमें से 37,791 क्विंटल धान की खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। हालांकि, खरीदी गई उपज का उठान अब तक शुरू नहीं हुआ है, जिससे मंडियों में अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि आगामी दिनों में धान की आवक और बढ़ने की संभावना है, जिससे मंडियों में जगह की कमी की समस्या भी खड़ी हो सकती है।
आदेश वापस लेने की कर्मचारी कर रहे मांग दूसरी ओर, मंडियों में प्राइवेट बिक्री वाले धान का उठान आढ़तियों व मिलर्स द्वारा कर लिया गया है, जबकि सरकारी खरीद की उपज अभी तक मंडियों में पड़ी हुई है। सिरसा अनाज मंडी में हरियाणा को-आपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी इंप्लाइज यूनियन का अपनी मांगों को लेकर हैफेड कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
यूनियन के चेयरमैन रोहताश पूनिया के नेतृत्व में कर्मचारियों ने प्रबंधन पर मनमाने ढंग से कमीशन कटौती का आरोप लगाते हुए इन आदेशों को वापस लेने की मांग है। कर्मचारियों की हड़ताल का असर धान की खरीद पर भी पड़ा। हालांकि, मंगलवार को भी कर्मचारियों ने हड़ताल रखी थी परंतु अवकाश के कारण मंडी में उपज की आवक नहीं हो पाई थी परंतु बुधवार को मंडी में पड़ी उपज भी हड़ताल के कारण खरीद नहीं हो सकी।
कमीशन में कटौती का कर्मचारी जता रहे विरोध
सोसायटी कर्मचारी धान खरीद पर एमएसपी कमीशन 0.25 प्रतिशत करने के आदेश तुरंत वापस लिए जाएं और पूर्व की भांति 1.33 रुपये प्रति क्विंटल दर लागू की जाए। इसके अलावा गेहूं खरीद पर कमीशन बढ़ाने, आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन सप्लाई का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 70 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये करने, समितियों को खाद पर मिलने वाला कमीशन बढ़ाने और खाद सप्लाई कोटा 40 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की मांग भी उठाई गई।
हैफेड अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही इन मांगों पर विचार कर समाधान निकालने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, हड़ताल के चलते मंडियों में खरीद कार्य ठप पड़ा है, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हरियाणा मार्केटिंग को-आपरेटिव सोसायटी के परचेजर हड़ताल पर रहे जिसके कारण बुधवार को खरीद प्रभावित रही। हैफेड डीएम से बातचीत हुई है उन्होंने शाम तक खरीद शुरू करवाने का आश्वासन दिया है। -वीरेंद्र मेहता, सचिव, मार्केट कमेटी
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