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    Haryana News: रेलवे ट्रैक पर अचानक गिरे 10 पेड़, तेज रफ्तार ट्रेन की लगानी पड़ी इमरजेंसी ब्रेक; यात्रियों की फूली सांस

    सिरसा में रेलवे ट्रैक के किनारे लगे वन विभाग के पेड़ खतरे का सबब बन सकते हैं। रविवार को तूफान से कालांवाली-बड़ागुढ़ा के बीच 10 पेड़ गिरने से बठिंडा रेवाड़ी पैसेंजर बाल-बाल बची। इमरजेंसी ब्रेक लगने से यात्रियों में दहशत फैल गई। रेलवे ने वन विभाग को कई बार पत्र लिखा है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। घटना के कारण कई ट्रेनें घंटों देरी से चलीं।

    By Amandeep Kamboj Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 30 Jun 2025 05:43 PM (IST)
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    बठिंडा-रेवाड़ी पैसेंजर की लगानी पड़ी इमरजेंसी ब्रेक। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, सिरसा। रेलवे ट्रैक के साथ वन विभाग के लगे पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। रेलवे ट्रैक के बिलकुल साथ लगे पेड़ों को हटाने के लिए रेलवे कई बाद वन विभाग को पत्र लिख चुका है। लेकिन फिर भी विभाग ने इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया।

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    रविवार शाम को भी तूफान के कारण कालांवाली से बड़ागुढ़ा के बीच रेलवे ट्रैक पर करीब 10 पेड़ गिर गए। इस दौरान बठिंडा रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन भी बाल-बाल बच गई। 110 की स्पीड पर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोकना पड़ा। इसके कारण तीन ट्रेन दो से तीन घंटे देरी से चली। इमरजेंसी ब्रेक लगने से रेल में सवार यात्रियों की सांसें भी फूल गई।

    कई बार लिख चुके हैं पत्र

    जिले में ही 2063 ऐसे पेड़ है जो रेलवे ट्रैक के बिलकुल साथ लगते हैं। इसमें से एक हजार से अधिक कालांवाली- बडागुढ़ा एरिया के बीच आने वाली रेलवे लाइन में है। आंधी व तूफान के बाद पेड़ ट्रैक पर गिरने के कारण रेलों की आवाजाही प्रभावित होती है।

    अधिक खतरनाक पेड़ों को हटाने के लिए रेलवे कई बार जिला वन अधिकारी और विभाग मुख्यालय में भी पत्र लिख चुका है। लेकिन विभाग की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है।

    बता दें कि हर वर्ष तेज आंधी व तूफान के कारण रेलवे ट्रैक पर पेड़ों के गिरने का मामले सामने आते हैं। जिसके कारण रेल की आवाजाही घंटों तक बाधित रहती है।

    ऐसे में अगर किसी कारण रेलवे को पेड़ों के गिरने संबंधित सूचना नहीं मिलती तो बड़ा हादसा हो सकता है। रेल में सवार यात्रियों ने बताया कि इमरजेंसी ब्रेक लगने से ट्रेन में खतरे का माहौल बन गया था। इसके ट्रेन रूकने के बाद राहत की सांस ली ।

    पेड़ हटाने के लिए नहीं पहुंचे कर्मचारी

    बड़ागुढ़ा के गांव दौलतपुरा थेहड़ी के पास ट्रैक पर पेड़ गिरने के कारण इमरजेंसी ब्रेक लगा बठिंडा रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन को बीच रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान पेड़ गिरने की सूचना वन विभाग को भी दी गई।

    लेकिन विभाग का कोई भी कर्मचारी और अधिकारी माैके पर नहीं पहुंचा। रेलवे इंजीनियरिंग विंग कर्मचारियों ने पेड़ों को हटाने के बाद रेल की आवाजाही शुरू की। इस दौरान यात्रियों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

    पेड़ गिरने से चार घंटे लेट हुईं ट्रेनें

    बठिंडा से चलकर रेवाड़ी जाने वाली ट्रेन सिरसा रेलवे स्टेशन पर शाम 6:47 पर पहुंचती है जबकि ट्रैक बंद होने से रविवार को ट्रेन रात 10:43 पर सिरसा स्टेशन पर पहुंची।

    वहीं, किसान एक्सप्रेस सिरसा से बठिंडा के लिए स्टेशन पर 7:50 पर पहुंची, जबकि ट्रैक बंद होने के कारण रेल 10:10 पर सिरसा से रवाना हो गई।

    वहीं, बठिंडा से जयपुर ट्रैन 11:00 बजे सिरसा रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है जबकि यह ट्रेन 1:57 पर सिरसा पहुंची। बठिंडा से सिरसा आने वाली ट्रेन संख्या 04783 रात 9:25 पर सिरसा स्टेशन पर पहुंचती है जबकि यह ट्रेन 11:32 पर सिरसा पहुंची है।

    तेज आंधी के कारण ट्रैक पर पेड़ गिरे थे। जिसके कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग को भी कई बार पत्र लिखा गया है। रात को भी इस संबंध में विभाग को सूचना दे दी गई थी।

    - नरेश कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, सिरसा।