रिश्वत लेते पकड़े गए सिरसा साइबर थाने के तीन पुलिसकर्मी, गाड़ी से 6 लाख की नकदी बरामद; सस्पेंड
साइबर थाना सिरसा के तीन पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। राजस्थान एसीबी ने पुलिस वाहन से 6 लाख रुपये बरामद किए। पुलिसकर ...और पढ़ें
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साइबर थाना सिरसा के तीन पुलिसकर्मी निलंबित, एसीबी राजस्थान ने गाड़ी से बरामद की 6 लाख की नकदी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, सिरसा। साइबर थाना सिरसा में तैनात तीन पुलिस कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साइबर ठगी के एक मामले में राजस्थान के उदयपुर से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एक युवक को छोड़ दिया गया। उससे रुपये लिए गए।
युवक ने पुलिस को इस बात की सूचना दी कि सिरसा पुलिस उन्हें छोड़ने के लिए रुपये मांग रही है। इस सूचना पर राजस्थान के अजमेर जिले के कुचामन सिटी के पास एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) राजस्थान की टीम ने रोककर तलाशी ली। पुलिस वाहन से 6 लाख रुपये की नकदी बरामद होने की बात सामने आई है। सिरसा साइबर पुलिस के कर्मचारियों ने संपत्ति फार्म की रिकवरी में कोई रकम नहीं भरी थी।
एसीबी राजस्थान की टीम ने मामले की सूचना सिरसा के उच्च पुलिस अधिकारियों को दी, जिसके बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू की गई। मामला पुलिस अधीक्षक सिरसा के संज्ञान में आते ही उन्होंने त्वरित कार्रवाई के हुए साइबर थाना के पीएसआइ सुरेंद्र, हेड कांस्टेबल वीरेंद्र और कांस्टेबल जगजीत सिंह को निलंबित कर पुलिस लाइन सिरसा भेज दिया। फिलहाल पूरे मामले की गहनता से जांच जारी है और एसीबी राजस्थान द्वारा भी अलग से जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी
रिश्वतखोरों के खिलाफ जांच बैठाने की नहीं जरूरत: डीजीपी
भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर हरियाणा पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा बयान जारी किया है। डीजीपी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ठग और बदमाश चाहे पुलिस में हों या समाज में, कानून सबके लिए समान है। उन्होंने सभी एसपी और सीपी को निर्देश दिए हैं कि जो पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाएं, उनके खिलाफ जांच बैठाने की आवश्यकता नहीं है।
डीजीपी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत प्रदत्त असाधारण शक्तियों का प्रयोग कर ऐसे कर्मचारियों को सीधे नौकरी से बर्खास्त किया जाए। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों में जो भी पुलिसकर्मी रंगे हाथ पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ यही कार्रवाई की गई है और आगे भी यह नीति जारी रहेगी।
डीजीपी ने अंत में लिखा- जैसी करनी, वैसी भरनी।

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