सिरसा में ठंडी सड़क के नाम से प्रसिद्ध है रेलवे कालोनी की सड़क
सिरसा रेलवे स्टेशन से रेलवे कालोनी की तरफ जाने वाली सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े नीम और अन्य किस्मों के पेड़ लगे हैं। पेड़ों से दोनों तरफ घिरी सड़क का नाम है ठंडी सड़क। एक वक्त ऐसा भी रहा कि सिरसा की रेलवे कालोनी में सड़क सबसे ठंडी रहती थी और अंग्रेजी हुकूमत के वक्त इस सड़क का नाम भी ठंडी सड़क ही रहा।

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जागरण संवाददाता, सिरसा :
सिरसा रेलवे स्टेशन से रेलवे कालोनी की तरफ जाने वाली सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े नीम और अन्य किस्मों के पेड़ लगे हैं। पेड़ों से दोनों तरफ घिरी सड़क का नाम है ठंडी सड़क। एक वक्त ऐसा भी रहा कि सिरसा की रेलवे कालोनी में सड़क सबसे ठंडी रहती थी और अंग्रेजी हुकूमत के वक्त इस सड़क का नाम भी ठंडी सड़क ही रहा। तब यहां चारों ओर पेड़ लगे हुए थे जो कभी गर्मी का अहसास भी यहां नहीं होने देते थे। आलीशान भवनों में रहते थे अधिकारी
रेलवे स्टेशन के पास आलीशान भवनों में ब्रिटिश शासन के अधिकारी रहते थे। रेलवे कालोनी सड़क नीम व अन्य पौधों से घिरी हुई थी। जिसकी घनी टहनियां व पत्तों के कारण इस सड़क तक धूप नहीं पहुंचती थी। यहां हर मौसम में ठंडी हवा का वातावरण बना रहता था, जिसके कारण इस सड़क का नाम अंग्रेजों के शासन में ठंडी सड़क पड़ गया। रेलवे कालोनी में रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी रमेश कुमार ने बताया कि अंग्रेज लोग सुबह शाम समय सैर करने के शौकीन थे। स्वच्छ व वातावरण बनाने के लिए उन्होंने इस सड़क के दोनों और नीम के अनेक पेड़ लगाए गए। इन पेड़ों की सिचाई करने के लिए बड़ा खाला बनाया गया था। अब भी रिक्शा चालक करते हैं आराम
इस ठंडी सड़क के किनारों पर वृक्षों के नीचे आज भी रिक्शा चालक व अन्य व्यक्ति आराम करते हुए नजर आते हैं। इस ठंडी सड़क से लंबे समय बाद भी एक भी पेड़ नहीं काटा गया। इस सड़क पर ठंडे वातावरण की उपलब्धता होने के कारण यहां पर अन्य लोग भी सुबह व शाम के समय सैर करने के लिए आने लगे। औषधीय गुणों से भरपूर नीम के पेड़ों के कारण उस वक्त रहने वाले लोग कभी बीमार नहीं होते थे, न ही मच्छर उत्पन्न होते थे।
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