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    नवाबों ने बसाया था गांव घोड़ांवाली को, पहले नसीरपुर बाद में घोड़ांवाली के नाम से हुआ प्रसिद्ध

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 11 Mar 2021 05:10 AM (IST)

    सिरसा रानियां खंड का गांव घोड़ांवाली वर्तमान में विकास के क्षेत्र में अपनी

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    नवाबों ने बसाया था गांव घोड़ांवाली को, पहले नसीरपुर बाद में घोड़ांवाली के नाम से हुआ प्रसिद्ध

    जागरण संवाददाता, सिरसा : रानियां खंड का गांव घोड़ांवाली वर्तमान में विकास के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। हिसार में आयोजित सेवन स्टार अवार्ड में गांव को पूर्व पंचायती राज एवं कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से सामाजिक सद्भाव एवं लिगानुपात में चार स्टार का अवार्ड मिल चुका है। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण में बेहतर कार्य करने के लिए महिला सरपंच को स्कूटी देकर भी सम्मानित किया गया है। गांव में बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। गांव में ऐतिहासिक मंदिर होने के चलते यह गांव लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है। ------------------ खंड रानियां से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव घोड़ावाली के विकास की कहानी बड़ी अद्भुत है। गांव के प्रवेश पर सुंदर तोरण द्वार बनाए गए हैं। जिसमें शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह, उधम सिंह के चित्र बनाए गए हैं। गांव का दूसरा तोरण द्वार चौ. देवीलाल स्मृति द्वार के नाम से बनाया गया है। -------------- नवाबों ने बसाया था गांव

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    गांव के बुजुर्गों का कहना है कि गांव को सन् 1890 में नवाबों ने बसाया था। नवाबों ने इस गांव का नाम नसीरपुर रखा था। आजादी से पूर्व गांव को नसीरपुर के नाम से जाना जाता था और यहां नवाब रहा करते थे। नवाबों के पास बहुमूल्य घोड़े हुआ करते थे। नवाब अपने घोड़ों को खुला छोड़ते तो वह सीधे नसीरपुर में चारा खाना खाने के लिए पहुंच जाते थे। नसीरपुर के नवाब के पास एक घोड़ी हुआ करती थी। यह घोड़ी बहुत सुंदर हुआ करती थी इसलिए लोग गांव को घोड़ीवाला गांव बुलाने लग गए और आजादी के बाद इस गांव का नाम नसीरपुर से बदलकर घोड़ांवाली पड़ गया। ------------- ये है सुविधाएं:

    लगभग 3000 की आबादी वाले इस गांव में करीब 90 फीसद लोग शिक्षित हैं। गांव में कुम्हार जाति के साथ-साथ अन्य जातियों के लोग रहते हैं। गांव में डा. आंबेडकर भवन, ग्राम सचिवालय संजय चिल्ड्रेन पार्क, राजकीय प्राइमरी स्कूल, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, पशु अस्पताल, अनाज मंड, आंगनबाड़ी केंद्र, जलघर, स्वास्थ्य, खेल स्टेडियम, पुस्तकालय केंद्र, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन प्लांट, व्यायामशाला गांव की मुख्य फिरनी में गंदे पानी की निकासी सीवरेज लाइन सहित अनेक सुविधाएं हैं। ------------ ये है समस्याएं:

    गांव में विकास कार्यों के साथ-साथ कुछ समस्याएं भी है जिनका समय रहते समाधान करवाने की आवश्यकता है। गांव में घग्गर फलड़ी नहर का पानी नहीं पहुंचता है जिसके कारण सिचाई की समस्या बड़ी समस्या है। गांव में सर्वेक्षण करवाकर डार्क जोन से बाहर किया जाए। मिडिल स्कूल को अपग्रेड कर हाई स्कूल किया जाए। सिचाई के लिए बनाए गए खाल क्षतिग्रस्त दो चुके है इन्हें दोबारा बनाया जाए। गांव की मुख्य फिरनी का रास्ता अभी कच्चा है बरसात के मौसम में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। घोड़ांवाली से रिसालिया खेड़ा के रास्ते को पक्का किया जाए। -----

    गांव के विकास के लिए वचनबद्ध् : सुनीता

    गांव की पूर्व महिला सरपंच सुनीता देवी छापौला ने बताया कि वह गांव के विकास के लिए वचनबद्ध है। गांव को सुंदर स्वच्छ बनाना, गांव में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना उनका उद्देश्य है। गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत रहती है। हालांकि सरकार के आदेशों के बाद ग्राम पंचायत का चार्ज बीडीपीओ के पास चला गया है। निवर्तमान सरपंच सुनीता देवी के नेतृत्व में नौ पंचों की पंचायत थी।