Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    मिट्टी से जुड़े मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिया मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन का मंत्र

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 13 Mar 2021 05:48 AM (IST)

    डबवाली शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में बजट पेश करते समय मुख्यमंत्री मनोह

    Hero Image
    मिट्टी से जुड़े मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिया मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन का मंत्र

    संवाद सहयोगी, डबवाली: शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में बजट पेश करते समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल मिट्टी से जुड़े हुए नजर आए। मुख्यमंत्री ने किसान और विज्ञान के विद्यार्थियों

    में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत बताई। विज्ञान को पढ़ने वाले बच्चों को मृदा व पानी के नमूनों की जांच तथा उन्हें एक उद्यमी के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए सरकार प्रशिक्षण की पहल कर रही है। फिलहाल प्रथम चरण में सरकार प्रदेश के 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों में मृदा जांच प्रयोगशालाएं खोलने जा रही है। सिरसा जिला में सबसे बड़े गांव चौटाला के अतिरिक्त रानियां खंड के गांव खारियां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में मृदा जांच प्रयोगशाला खोलने को सरकार अनुमति दे चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ----

    एचएयू से प्रशिक्षित होंगे प्राध्यापक

    खेती में परिवर्तन का दौर चल रहा है। बेहतर फसल पाने के लिए किसान मिट्टी-पानी की जांच करवाने के बाद बीज बोने लगा है। ऐसे किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा है। लेकिन जांच करने वाले इतने नहीं है। बदलाव के इस दौर में मनोहर सरकार ने खेती को नए आयाम देने का प्रयास किया है। 11वीं में विज्ञान पढ़ते-पढ़ते बच्चे मिट्टी-पानी की जांच करना सीख जाएंगे। कह सकते हैं कि वे मिनी सॉयल टेस्टिग का सर्टिफिकेट कोर्स कर लेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के जरिए मिनी सॉयल टेस्टिग लैब स्थापित होंगी। जिसमें बच्चे प्रेक्टिकल के जरिए ज्ञान प्राप्त करेंगे। लैब को विद्यालय में फिजिकस, केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी पढ़ाने वाले पीजीटी संचालित करेंगे। बताया जाता है कि पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार तथा सीएसएसआरआइ करनाल में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    ----

    बागवानी वाले क्षेत्र में होगा लाभ

    गांव चौटाला में काफी बड़े क्षेत्र में किन्नू के बाग हैं। ऐसे में चौटाला गांव के किसानों के लिए विद्यालय में स्थापित होने वाली मिनी सॉयल टेस्टिग लैब काफी अहम साबित होगी। जिसमें बच्चों को सीसीएसएचएयू का सिलेबस पढ़ने को मिलेगा। बच्चों को थ्योरी तथा प्रेक्टिकल दोनों का लाभ मिलेगा। कह सकते हैं कि लैब चालू होने के बाद भविष्य में चौटाला तथा सटे गांव भारुखेड़ा, तेजाखेड़ा, आसाखेड़ा, जंडवाला बिश्नोइयां, सुकेराखेड़ा में तकनीक आधारित खेती की शुरुआत होगी। वहीं तकनीकी दक्षता हासिल करने से युवाओं को रोजगार पाने का जरिया मिलेगा।

    ----

    हमारे पास लैब स्थापित करने के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर है। सरकार ने मृदा जांच प्रयोगशाला की कमान प्राध्यापकों को देनी है। इसलिए सरकार ने नाम पूछे थे। मास्टर ट्रेनर तैयार करने के लिए सरकार के पास तीन प्राध्यापकों के नाम भेजे गए थे। संभव है कि जल्द ट्रेनिग मिलेगी। खेती करने के लिए समय-समय पर मिट्टी-पानी की जांच करवाते रहना समय की जरुरत है।

    -राजेंद्र जाखड़, प्रिसिपल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, गांव चौटाला।