प्रदेश में प्रजापत समाज को मिले दो लोकसभा व पांच विधानसभा सीटें : प्रजापति
सिरसा राजनैतिक दल चुनावों में प्रजापति समाज की अनदेखी करते आ रहे हैं
जागरण संवाददाता, सिरसा : राजनैतिक दल चुनावों में प्रजापति समाज की अनदेखी करते आ रहे हैं लेकिन अब प्रजापति समाज जाग चुका है। प्रजापति समाज को राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक आधार पर मजबूत करने के लिए ही देश व प्रदेश में अधिवेशन किए जा रहे हैं। आगामी लोकसभा-विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों को प्रजापति समाज की अनदेखी भारी पड़ सकती है। उक्त उद्गार मुंबई से अखिल भारतीय प्रजापति महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरबीके प्रजापति ने कुम्हार धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे। इससे पहले सुबह दस से बारह बजे तक देश-प्रदेश से पहुंचे समाज के डेलिगेटस तथा सभा के प्रतिनिधियों ने चर्चा की। जबकि दूसरे चरण में दो से चार बजे तक खुला अधिवेशन आयोजित किया गया।
इस मौके पर आरबीके प्रजापति ने कहा कि उनका संगठन जातीय आधार पर सबसे बड़ा है और देश के सभी प्रांतों में संगठन की शाखाएं हैं। आजादी के बाद से लेकर अब तक प्रजापति समाज के साथ सभी राजनीतिक दल भेदभाव करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि समाज के लोगों की दो प्रमुख मांगें हैं कि लोकसभा में दो और विधानसभा में 5 सीटें प्रजापति समाज के लोगों को दी जाए और दूसरा प्रजापति समाज को पिछड़ा वर्ग का संवैधानिक दर्जा दिया जाए। इस मौके पर दक्ष प्रजापति ट्रस्ट के अध्यक्ष आरसी लिबा ने कहा कि वे समाज का हक मांग रहे हैं। प्रजापति समाज की देश में आबादी करीब दस करोड़ है, जबकि हरियाणा में दस लाख के करीब है और सिरसा की पांचों विधानसभाओं में समाज के लगभग 90 हजार मतदाता है।
इस अवसर पर हरियाणा प्रजापति कुंभकार समाज के प्रदेशाध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि वे इस बार सीटों के मामले में किसी भी राजनीतिक दल से समझौता नहीं करेंगे। जनसंख्या के मुताबिक तो समाज की सीटें अधिक है, लेकिन वे तो सिर्फ और सिर्फ सात ही सीटें मांग रहे हैं। प्रजापति समाज के युवा अध्यक्ष मनोज प्रजापति ने कहा कि सरकार ईंट-भट्ठों को बंद करने पर तुली हुई है।
इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव गोवर्धन चौहान, पूर्व चेयरमैन अशोक वर्मा, पूर्व प्रधान दलीप वर्मा, नरेंद्र देव आर्य, पंजाब स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन के निदेशक प्रभुदयाल, उपप्रधान रामप्रताप घोड़ेला, सूरजाराम नेहरा, एडवोकेट शिल्पा वर्मा, मलिक डाल, श्रीराम निराणियां, लक्ष्मी प्रजापति, रामानंद निराणियां, आरडी घटेलवाल, पृथ्वी सिंह किरोड़ीवाल, हरदयाल बेरी व मदन वर्मा मौजूद रहे।
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