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    'लोगों में काम वासना की आग लगी हुई है', दूसरे दिन की सत्संग में बोला राम रहीम

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 11:11 PM (IST)

    सुनारिया जेल से पैरोल पर आए गुरमीत सिंह ने डेरा सच्चा सौदा में दो घंटे सत्संग किया। सत्संग में गुरमीत ने पहली बार पंजाबी में भजन गाया जिससे प्रेमी झूम उठे। गुरमीत ने दावा किया कि 2009 में उन्होंने सांप पकड़ने का यंत्र बनाया था। उसने प्रेमियों के सवालों के जवाब भी दिए जिसमें एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर और आत्मा को पहचानने जैसे प्रश्न शामिल थे।

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    डेरे में दूसरे दिन भी राम रहीम ने सत्संग किया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, सिरसा। सुनारिया जेल से 40 दिन की पैरोल पर डेरा सच्चा सौदा सिरसा आए गुरमीत सिंह ने दूसरे दिन दो घंटे सत्संग किया। डेरा प्रमुख ने सत्संग के दौरान पहली बार पंजाबी में भजन गाया। उसने मैं कल्ली नहीं कहंदी, गल दुनियां कहंदी ऐ, नूर तेरे ते दिनों दिन लाली छाई रहंदी ऐ गाया तो प्रेमी पंडाल में झूमने लग गए।

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    गुरमीत ने सत्संग के दौरान दावा किया कि 2009 में उन्होंने सांप पकड़ने वाला यंत्र बनाया था। अब पूरी दुनिया इस यंत्र से सांप पकड़ती है। उसने सत्संग के दौरान प्रेमियों के सवालों के जवाब भी दिए। एक अनुयायी ने सवाल किया कि अगर जीवन साथी के एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर हो तो क्या उसके साथ रहना चाहिए।

    गुरमीत ने जवाब दिया कि बहुत लोगों में ये समस्या है, लोगों में काम वासना की आग लगी हुई है। आपको अपने परिवार को बुलाना चाहिए। उसे दो मौके देने चाहिए। किसी संत-फकीर के पास लेकर जाए, ताकि उस पर उनका असर हो जाए और वह सही रास्ते पर आ जाए।

    एक अन्य प्रेमी ने सवाल किया कि क्या हर आत्मा को दुनिया में विशेष मकसद से भेजा जाता है, उसे पहचानने का सही रास्ता क्या है। डेरा प्रमुख ने कहा कि आप आत्मा को ना पहचानो, संत को पहचानो, वहीं कभी नहीं कहता कि मेरा ये दुखता है या मेरे ये हो रहा है। सिर्फ गुरु एक ही होता है हम ही रहेंगे।

    सो कहने का मतलब गुरु एक ही होता है किसी के कहने से नहीं बनते। जिनको आप बना देते हैं वो गुरु नहीं होता। गुरु बनाए नहीं जाते, बल्कि पैदा होते हैं। पीर फकीर गर्भ से ही सीधे मालिक से जुड़े होते हैं। वे 84 लाख से नहीं आते, बल्कि सीधे ही आते हैं। एक अनुयायी ने सवाल किया कि आपने अवतार माह में आकर हमें सरप्राइज दिया।

    क्या परमात्मा ने भी कभी आपको सरप्राइज दिया। इस पर गुरमीत सिंह ने कहा कि हम जन्म से ही सरप्राइज देते आ रहे हैं। हमारी छाती पर ऊंगली मार के मस्ताना जी हममें समा गए। एक ने अंगुली मारी, तीन बन गए। यह सरप्राइज साध संगत के लिए सबसे बड़ा था। हमें तो पता था।