सिरसा में कचरे की ढेर में मिली नवजात बच्ची, फिर मसीहा बनकर पहुंची महिला; जानिए फिर क्या हुआ?
सिरसा जिले के नाथूसरी कलां गांव में एक नवजात बच्ची सड़क किनारे मिली। गुलशन नामक एक महिला ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर उसे बचाया। बच्ची को कपड़े में लपेटा गया था और वह जोर-जोर से रो रही थी। गुलशन ने तुरंत लोगों को सूचित किया और एम्बुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल पहुंचाया।

संवाद सहयोगी, नाथूसरी चौपटा (सिरसा)। सिरसा जिला में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां ममता को शर्मसार करते हुए एक नवजात बच्ची को सड़क किनारे फेंक दिया गया। लेकिन इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए गांव की एक महिला ने उसे जीवनदान दिया।
यह मामला नाथूसरी कलां गांव का है, जहां राजकीय प्राथमिक विद्यालय के पास हंजीरा रोड पर एक नवजात बच्ची कपड़े में लिपटी हुई मिली। गांव की महिला गुलशन ने बताया कि वह बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे घर से कूड़ा डालने सड़क की ओर गई थी, तभी उसे नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। पास जाकर देखा तो एक नवजात बच्ची कपड़े में लिपटी हुई सड़क किनारे पड़ी थी और जोर-जोर से रो रही थी।
गुलशन ने तुरंत आसपास के लोगों को सूचित किया और बच्ची को गोद में उठा लिया। बच्ची की हालत सामान्य, नागरिक अस्पताल भिजवाया ग्रामीणों की मदद से एंबुलेंस को बुलाया गया, जिसके बाद बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नाथूसरी चौपटा लाया गया।
चिकित्सकों के अनुसार बच्ची की हालत सामान्य है, हालांकि उसका वजन कुछ कम पाया गया है। बच्ची की नाल स्वास्थ्य केंद्र में ही काटी गई और सभी आवश्यक चिकित्सकीय जांचें की गईं। फिलहाल बच्ची को बेहतर देखरेख के लिए सिरसा के नागरिक अस्पताल के बाल वार्ड में रेफर किया गया है।
महिला ने गोद लेने की जताई इच्छा महिला गुलशन ने नवजात को गोद लेकर पालने की इच्छा जताई है। महिला ने बताया कि उसके पहले से दो बेटे हैं, अब वह इस बच्ची को बेटी की तरह पालना चाहती है क्योंकि उसने बच्ची की जान बचाई है।
वहीं, घटना की सूचना नाथूसरी चौपटा थाना पुलिस को भी दी गई। थाना प्रभारी राधेश्याम के अनुसार मौके का मुआयना कर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
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