हरियाणा: पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदू परिवारों को मिली नागरिकता, सदा रहेंगे अहसानमंद
35 साल पहले पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदू परिवारों को अब भारत की नागरिकता मिली है, जिससे वे बेहतर जीवन जी रहे हैं। 1991 से 1999 तक 249 पासपोर्ट पर ह ...और पढ़ें

पाकिस्तान से आई हिंदू फैमिली (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता सिरसा। 35 साल पहले पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदू परिवारों आज भारत का नागरिक बनकर बेहतर जिंदगी जी रहे हैं। भारत की नागरिकता हासिल किए इन परिवारों का 1991 से लेकर 1999 तक आना जारी रहा। पहले 249 पासपोर्ट पर हिंदू परिवार आए थे। आज इनकी संख्या 550 के आसपास हो गई।
हालांकि इसमें से 145 पासपोर्ट धारक राजस्थान में अलग अलग जगहों पर रह रहे हैं। पाकिस्तान से आए सूरता राम का कहना है कि पाकिस्तान से जब वे भारत आए थे तो उनके लिए शुरूआती दिन संघर्षमयी रहे। परंतु आज ऐलनाबाद में 400 लोग खुशी खुशी अपनी जिदंगी जी रहे हैं। सूरताराम ने बताया कि वे लोग पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भावलपुर जिले में रहते थे। देश विभाजन के बाद जो परिवार पाकिस्तान में रह गए, वहां के सरकार और मुसलमानों का रवैया नकारात्मक ही रहा है।
हिंदुओं से सामाजिक, धार्मिक भेदभाव किया जाता था। पाकिस्तानी हिंदुओं की देशभक्ति पर भी शक जताया जाता था। गांवों में हिंदू लड़कियों की शादी मुसलमान युवकों के साथ जबरदस्ती की जाती थी।
जब वे लोग ऐलनाबाद में आए तो शुरू में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। उसकी शादी भी भारत में आकर विस्थापित परिवारों के बीच हुई थी। लेकिन उसके भाई की शादी राजस्थान में हुई। वह खुद सिलाई कढ़ाई का काम करता है, जबकि उसका भाई अमर गाड़ियों की मरम्मत का काम करता है। पिछले साल राम चंद्र को मिली थी नागरिकता
पाकिस्तान से आए राम चंद्र को पिछले साल ही भारत की नागरिकता मिली। राम चंद्र का कहना है कि वे पंजाब के रहीम यार खान एरिया में रहते थे। कागजात पूरे किए जाने के बाद उन्हें भारत सरकार ने पिछले साल ही नागरिकता दी है। पाकिस्तान में हमारा जीवन किसी नर्क से कम नहीं था। परंतु अब नागरिकता मिलने के बाद सारे दुख भूल गए। मोदी सरकार की नीतियों के कारण ही हमें नागरिकता मिली है। यह अहसान वे कभी नहीं भूलेंगे।

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