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    Haryana Politics: हुड्डा की दावेदारी पर सैलजा ने लगाई मुहर, चंडीगढ़ में बिना जमीन दिए नये भवन के निर्माण की रखी मांग

    हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव दिया है। इसके बदले में हरियाणा सरकार चंडीगढ़ को पंचकूला के मनसा देवी कांप्लेक्स के पास 12 एकड़ जमीन देगी। इस पर कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने ऐतराज जताया है। हरियाणा को अपनी जमीन पर ही नई विधानसभा बनानी चाहिए।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 17 Nov 2024 05:14 PM (IST)
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    Haryana Politics: हुड्डा की दावेदारी पर सैलजा ने लगाई मुहर।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा के मौजूदा भवन पर दावेदारी छोड़ने का विरोध किया है। सैलजा ने कहा कि मौजूदा विधान भवन पर अपनी दावेदारी छोड़कर हरियाणा सरकार यदि किसी नये स्थान पर विधानसभा का भवन बनाती है तो राजधानी चंडीगढ़ पर हरियाणा की दावेदारी कमजोर पड़ेगी।

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    सैलजा के अनुसार, जब चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 के अनुपात में हिस्सा है तो जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं है। यही बात पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उठाई थी। सैलजा ने हरियाणा विधानसभा के भवन को लेकर हुड्डा की दावेदारी पर अपनी सहमति की मुहर लगाई है।

    'हरियाणा के साथ अन्याय कर रहा पंजाब'

    पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब लंबे समय से हरियाणा के लोगों के साथ अन्याय कर रहा है। सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दिया जा रहा है। पंजाब को हरियाणा के हिंदी भाषी क्षेत्र भी लौटाने पर विचार करना चाहिए।

    सैलजा ने कहा है कि हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ द्वारा रेलवे स्टेशन से आइटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है।

    केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद चंडीगढ़ इस जमीन को देने के लिए तैयार हुआ है। इसके बदले में हरियाणा चंडीगढ़ को पंचकूला के मनसा देवी कांप्लेक्स के पास 12 एकड़ जमीन देगा। यह जमीन बहुत महंगी है।

    'हरियाणा के हितों के बारे में चिंता करनी चाहिए'

    सैलजा ने कहा कि जब चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 के अनुपात में हिस्सा है तो हरियाणा अपने हिस्से की जमीन पर नई विधानसभा बना सकता है। ऐसे में जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं है।

    हरियाणा सरकार को इस बारे में सोच समझकर कदम उठाना चाहिए और सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हरियाणा के हितों के बारे में चिंता करनी चाहिये।

    उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने मौजूदा विधानसभा भवन पर अपना कब्जा अथवा दावेदारी छोड़ दी तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब हरियाणा को उसका मौजूदा सचिवालय खाली करने के लिए कह दिया जाएगा। बता दें कि नए विधानसभा भवन के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा में ठन गई है। 

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