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    Haryana News: सिरसा में तीन माह में चार गर्भवतियों की मौत, इस वजह से गई महिलाओं की जान

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 04:00 PM (IST)

    सिरसा जिले में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चार गर्भवती महिलाओं की मौत से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। आंतरिक जाँच में तीन महिलाओं की मौत का कारण संक्रमण पाया गया। सेप्सिस और प्रसव के दौरान रक्तस्राव मुख्य कारण थे। स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को संक्रमण प्रबंधन पर प्रशिक्षण देगा और मातृ मृत्यु दर को कम करने का प्रयास करेगा।

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    सिरसा में तीन माह में चार गर्भवतियों की मौत, संक्रमण बना सबसे बड़ा कारण

    सुभाष अग्निहोत्री, सिरसा। जिले में अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में चार गर्भवती महिलाओं की मौत ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतन और मंथन पर मजबूर कर दिया है। विभागीय स्तर पर हुई आंतरिक समीक्षा में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

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    रिपोर्ट के अनुसार, इन चार में से तीन महिलाओं की मौत का कारण संक्रमण पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि इन मामलों में सेप्सिस (रक्त में संक्रमण), डिलीवरी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और अन्य प्रकार के संक्रमण प्रमुख कारण रहे। यह दर्शाता है कि संक्रमण नियंत्रण की व्यवस्था अभी भी अस्पतालों में अपेक्षित स्तर तक प्रभावी नहीं हो सकी है।

    प्रशिक्षण से संक्रमण नियंत्रण की तैयारी

    इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि जिले के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी चिकित्सकों को संक्रमण प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो और मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सके।

    उपायुक्त व मुख्यालय को विभाग ने प्रेषित की रिपोर्ट

    स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों की विस्तृत समीक्षा के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त कार्यालय तथा स्वास्थ्य मुख्यालय को भेज दी है। इस रिपोर्ट में न केवल संक्रमण बल्कि अन्य संबंधित कारकों जैसे समय पर प्रसव पूर्व जांच की कमी, खून की उपलब्धता, उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान और रेफरल व्यवस्था की प्रभावशीलता पर भी गहन चर्चा की गई है।

    उपायुक्त की अध्यक्षता में होगी समीक्षा बैठक

    रिपोर्ट के आधार पर इस माह के अंत तक उपायुक्त की अध्यक्षता में जिले के सभी चिकित्सा अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में मातृ मृत्यु दर को लेकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जमीनी स्तर पर कौन-कौन से कदम उठाने आवश्यक हैं।

    आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर भी होगा मंथन

    समीक्षा बैठक में आशा वर्करों की भूमिका और प्रशिक्षण पर भी मंथन होगा। उन्हें इस दिशा में और अधिक जागरूक व सतर्क बनाए जाने की आवश्यकता महसूस की गई है ताकि वे समय रहते हाई रिस्क मामलों की पहचान कर सकें और उन्हें सही समय पर स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचा सकें।

    सिरसा जिले में मातृ मृत्यु दर को लेकर सामने आई यह रिपोर्ट न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि यदि संक्रमण जैसे कारणों को समय रहते नियंत्रित किया जाए, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।